पटरी से उतरी सफाई व्यवस्था, संक्रामक बीमारियों बढ़ा खतरा
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संवादसूत्र, चांदा (सुलतानपुर) : अधिकारियों-कर्मचारियों की मनमानी सरकार के स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखा रही है। हालत ये हैं कि करीब पखवारेभर पूर्व तैयारियां पूरी होने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन सब कुछ हवा में है। दैनिक जागरण के स्वच्छता अभियान की खबर- ' बजबजाती नालियां, कूड़े का ढेर खोल रहे सफाई व्यवस्था की पोल' नामक शीर्षक से प्रकाशित खबर को संज्ञान में लेकर कस्बों-गांवों के सार्वजनिक स्थानों व नालियों की सफाई कराई गई थी। अब दुर्गा पूजा महोत्सव बीतने के बाद एक बार फिर जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा है। नालियों के चोक हो जाने से घरों का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है, जिससे राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं एकत्रित हुए गंदे पानी की सड़ांध से संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा भी उत्पन्न हो गया है। यह हाल तब है जब विकास क्षेत्र में सफाईकर्मियों की लंबी फौज है।
चांदा में पखवारेभर पूर्व नालियों की सफाई हुई थी। सड़क के गड्ढों को गिट्टी व तारकोल से भरा गया था। नियमित सफाई न होने से नालियां फिर चोक हो गई हैं। सबसे खराब स्थिति चांदा से कादीपुर रोड की है। हनुमान मंदिर के पास लगा इंडिया मार्का हैंडपंप से गंदगी के बीच लोग पानी लेने को मजबूर हैं। यही हाल क्षेत्र के गारवपुर बाजार, कोथरा बाजार, डेवाढ़, शाहपुर, कालिकागंज, आनापुर, बधूपुर, किन्नीपुर, रजवारे रामपुर आदि स्थानों पर भी है।
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बोले क्षेत्रवासी
चांदा कस्बे के अरुण दूबे कहते हैं कि सफाई न होने से लोग गंदगी में रहने को मजबूर हैं। इसराक अहमद कहते हैं कि नियमित सफाई होती तो सरकार की मंशा कामयाब होती। विकास मिश्रा व वाहिद कहते हैं कि जो सफाई हुई थी वह जागरण के स्वच्छता अभियान चलाने से हुई। यहां अधिकारी स्वच्छता अभियान को लेकर संजीदा नहीं हैं।
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-दुर्गा पूजा महोत्सव के कारण साफ-सफाई में थोड़ी बाधा आई थी। हम फिर अभियान चलाकर सार्वजनिक स्थलों व नालियों की सफाई कराएंगे।
-रविशंकर पांडेय, बीडीओ, पीपी कमैचा