कागजी आंकड़ों की बाजीगरी में हो रहा स्वच्छ भारत
जागरण संवाददाता, गौरीगंज : भारत को स्वच्छ बनाने में कागजी आंकड़े दौड़ाए जा रहे है। काग
जागरण संवाददाता, गौरीगंज : भारत को स्वच्छ बनाने में कागजी आंकड़े दौड़ाए जा रहे है। कागज पर स्वच्छ भारत अभियान का सपना साकार किया जा रहा है, लेकिन हकीकत इससे इतर है।
सरकार ने गांव व शहरों को साफ रखने के लिए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण व शहरी योजना चलाया है, जिसके तहत सरकारी सहायता से घरों में इज्जत घर का निर्माण कराया जा रहा है। गांवों व शहरों को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए अक्टूबर 2018 का लक्ष्य तय किया गया है। इसके साथ ही इज्जत घर का उपयोग करने के लिए लोगों को जागरुक बनान के लिए गांवों में स्वच्छता ग्रही टीमें लगाई गई है। इतना ही नहीं योजना के तहत सरकार पानी की तरह धन भी बहा रही है। फिर भी जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते सरकार की मंशा परवान नहीं चढ़ पा रही है। अभी तक जिले के लगभग 255 गांवों को व शहरी इलाके के 22 वार्डो को खुले में शौच मुक्त बनाए जाने का दावा कागजों पर किया जा रहा है। धरातल पर गौर करें तो बदलाव के नाम पर ज्यादा कुछ भी नहीं हो सका है, जिससे गांव व शहर अभी भी गंदे के गंदे ही बने हुए है। इस संबंध में प्रभारी मुख्य विकास अधिकारी बंशीधर सरोज ने कहाकि मामले की जांच कराई जाएगी। दोषी मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।