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बेहतर कचरा प्रबंधन से आदर्श बन रहा शहर

कूड़े से खाद बनेगी और ठोस कचरा नीलाम होगा। वहीं एनजीटी की गाइड लाइन पर अमल शुरू कर दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 12:35 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 06:05 AM (IST)
बेहतर कचरा प्रबंधन से आदर्श बन रहा शहर
बेहतर कचरा प्रबंधन से आदर्श बन रहा शहर

सुलतानपुर : राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) की गाइडलाइन में शहर का कचरा प्रबंधन नए सिरे से किए जाने की कवायद चल रही है। इसके लिए संसाधन जुटाए गए हैं। कचरे से खाद बनाने और ठोस कचरे की नीलामी कर आमदनी बढ़ाई जाएगी। मॉडल सिटी के रूप में शहर को विकसित करने और इसे साफ-सुथरा रखने की दिशा में प्रयास शुरू किए गए हैं। काम सही दिशा में चला तो आने वाले दिनों में कूड़े-कचरे से शहर को निजात मिलेगी और पर्यावरण बेहतर होगा। योजना है कि घरों, दुकानों और सार्वजनिक प्रतिष्ठानों से किसी भी स्थिति में कूड़ा सड़क व नाली में नहीं फेंका जाएगा। संग्रह के लिए डस्टबिन का उपयोग अनिवार्य किया गया है।

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उपयोगी बनाया जाएगा कूड़ा : जिला मुख्यालय से चार किमी दूर ट्रांसपोर्ट नगर में डंपिग स्थल चिह्नित किया गया है। यहां परिषद के कर्मी कूड़े को विभाजित करेंगे। इसे सड़ाकर खाद बनाने का सयंत्र भी लगाया जाएगा। कूड़े में मिलने वाले लोहा, शीशा और प्लास्टिक को पंजीकृत ठेकेदार को बेचा जाएगा। शहर में सीवर की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में सेफ्टी टैंक का पंजीकरण किया जाएगा। जिसमें टैंक निर्माण की तिथि, प्रयुक्त करने वाले सदस्यों की संख्या, साफ-सफाई का विवरण अंकित किया जाएगा।

लगाए गए डस्टबिन : सड़क और नाली में कूड़ा डालने वालों पर अर्थदंड लगेगा। शहरी क्षेत्र में 250 से अधिक डस्टबिन जोड़ों में विभिन्न मुहल्लों में लगाए गए हैं। ताकि गीला व ठोस कचरा अलग-अलग एकत्रित किया जा सके। कचरा का घर-घर से उठान हो और इसे सीधे डंपिग स्थल पहुंचाया जा सके इसके लिए परिषद प्रशासन ने 14 विशेष वाहन लिए हैं जिनका प्रयोग शुरू किया गया है।

बनाया गया पारस केंद्र : कचरा संग्रह के लिए टीपी नगर में बन रहे डंपिग स्थल का नाम पारस केंद्र होगा। यहां संग्रहीत ठोस अपशिष्ट को वर्गीकृत किया जाएगा। गीला कूड़ा (बायोडिग्रेडिबल) से जैविक कंपोस्ट खाद का निर्माण व सूखे कचरे (रिसाइकिलेबल) को नीलाम किया जाएगा।

तैनात होंगे स्वच्छतामणि : जिला प्रबंधक स्वच्छता मिशन साधना सिंह ने कहा कि एनजीटी के सभी बिदुओं को लागू करने के लिए निजी क्षेत्र के संगठनों का सहयोग लिया जाएगा। कूड़ा संग्रह के लिए इच्छुक नगरीय निर्धनों को स्वच्छतामणि के रूप में नियोजित किया जाएगा।


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