टीकाकरण अभियान के बावजूद हो रही मवेशियों की मौत
संवादसूत्र, सुलतानपुर : पशु चिकित्सा महकमा एक ओर टीकाकरण का अभियान चला रहा है। दूसरी
संवादसूत्र, सुलतानपुर : पशु चिकित्सा महकमा एक ओर टीकाकरण का अभियान चला रहा है। दूसरी ओर मवेशियों की गलागोंटू व खुरपका जैसी बीमारियों से मौत हो रही है। जिले भर में दर्जनों मवेशी इन्हीं बीमारियों से मर चुके हैं। कई दर्जन मवेशी अलग-अलग ब्लॉकों में बीमार भी बताए जा रहे हैं। पशु चिकित्सा विभाग टीकाकरण करके नि¨श्चत अभियान शुरू कर मौतों के प्रति बेपरवाह बना हुआ है।
यह टीके खुरपका और मुंहपका जैसी बीमारियों को ही जड़ से उखाड़ने वाले दावे के साथ लगाए जा रहे हैं। इसके बावजूद मवेशियों की मौत थमने का नाम नहीं ले रही है। खुरपका-मुंहपका के अलावा मवेशी अब फूटराट जैसी बीमारियों के भी शिकार होने लगे हैं। पशु स्वामियों की शिकायत है कि विभागीय स्वास्थ्यकर्मी सूचना देने पर उनके यहां पहुंचते तक नहीं। लिहाजा पीड़ित पशुओं का स्वास्थ्य बिगड़ता चला जाता है और वह मौत के करीब पहुंच जाते हैं।
986 ग्राम पंचायतों में से करीब 108 गांवों में 63 हजार 404 गोवंषीयों व महिषवंशियों को टीका लगाए जाने का दावा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.अजीत कुमार ¨सह कर रहे हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि पशु चिकित्सक मौके पर पहुंचते ही नहीं हैं।
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इन क्षेत्रों में हालात हो रहे बेकाबू
गुप्तारगंज संवादसूत्र के अनुसार कूरेभार विकास खंड के धनजई गांव में शिवबहादुर ¨सह की भैंस की मौत गलाघोंटू बीमारी से हो गई। इसी गांव के विजय पाल ¨सह की पड़िया भी मौत के गाल में समा गई। सीताराम विश्वकर्मा की भैंस भी जीवित नहीं बची। करीब एक दर्जन से ज्यादा मवेशी इस गांव के बीमार हैं। शिवबहादुर ¨सह कहते हैं कि जब पशुपालन विभाग के कर्मचारियों को सूचना दी जाती है तो वे मवेशियों की जांच करने पहुंचते ही नहीं हैं। इसी तरह विसैनी सहित कई गांव में बीमारियां पैर पसार रही हैं। सीवीओ डॉ.¨सह कहते हैं कि प्रभावित गांवों में चिकित्सक भेजकर उपचार की व्यवस्था कराऊंगा।