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मवेशियों के चारे-पानी को निहारा जा रहा बजट

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By JagranEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 11:52 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 11:52 PM (IST)
मवेशियों के चारे-पानी को निहारा जा रहा बजट

संवादसूत्र, सुलतानपुर : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद बेसहारा पशुओं के लिए अस्थाई आश्रय स्थल जिले में जिस तेजी के साथ बनने शुरू हुए उसकी रफ्तार अब मंद पड़ने लगी है। हालांकि विभिन्न ब्लाकों में कुल 33 स्थल चिन्हित किए गए हैं। मनरेगा के जरिए 24 पर काम शुरू हो गया है। आठ आश्रय स्थलों में बेसहारा पशुओं को पकड़कर रखा भी जाने लगा है। अब तक 2111 पशुओं की धरपकड़ हुई है, लेकिन इनके भरण पोषण को लेकर समस्याएं खड़ी होने लगी हैं।

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हलियापुर में सबसे ज्यादा गोवंशी

जिले के हलियापुर में बनाए गए अस्थाई आश्रय स्थल में प्रशासनिक अधिकारी दो हजार मवेशियों को रखे जाने का दावा किए हैं। इसके अलावा कांजी हाउस दियरा, सैफुल्लागंज, गोराबारिक अमहट, वशिष्ठ गोशाला केंद्र सीताकुंड, चीनी मिल कादीपुर व दोस्तपुर में 111 गोवंशीय आश्रय दिया गया है।

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शासन को निहार रहे अफसर

यूं तो गोवंशीयों को पकड़कर अस्थाई बाड़े में रखा जाने लगा है, लेकिन उनके भरण-पोषण को लेकर कठिनाइयां पैदा हो रही हैं। न तो पर्याप्त चारा और न ही पानी का इंतजाम हो पा रहा है। हलियापुर में दो दिन पहले चार गोवंशी मौत के शिकार हो गए थे।

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यह कहता है शासनादेश

दो जनवरी को जारी मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय के आदेश में पेज नंबर दो पर धारा 3.5 में कहा गया है कि अस्थाई गोवंश आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंश के संचालन, प्रबंधन व भरण-पोषण की व्यवस्था स्थानीय निकाय अपने स्वयं के संसाधनों से करेंगे। यही नहीं अगले सेक्शन में उल्लेख है कि भरण-पोषण में कमी आने पर स्थानीय निकाय की मांग पर शासन धनराशि की व्यवस्था कराएगा। पानी की व्यवस्था ¨सचाई, वृक्षारोपण वन विभाग व मनरेगा, चारा ग्राम्य विकास व पंचायती राज, प्रकाश पंचायत राज नेडा, नगर विकास, चिकित्सा पशुपालन विभाग के जिम्मे है, लेकिन महकमे अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते नहीं नजर आ रहे हैं।

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धनाभाव के कारण शुरुआती चरण में कठिनाई आ रही होगी। हालांकि सभी अधिकारियों को गोवंश के संरक्षण व भरण पोषण के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। शासन से डिमांड कर अतिरिक्त धन की व्यवस्था कराई जाएगी।

राधेश्याम, सीडीओ


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