आबादी के बीच पटाखे का निर्माण, जोखिम में जान
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चांदा (सुलतानपुर) : कायदे कानून को ताक पर रखकर आबादी के बीच रात-दिन क्षेत्र में कई जगह पटाखे बनाए जा रहे हैं। पुलिस-प्रशासन का इस पर कोई नियंत्रण नहीं है। यह हाल तब है जब सुप्रीम कोर्ट ने अवैध पटाखा के निर्माण व बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा रखी है। इसके बावजूद यहां धड़ल्ले से विभिन्न स्थानों पर अवैध तरह से पटाखे बनाए जा रहे हैं। इससे कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना होने से इन्कार नहीं किया जा सकता।
बानगी के तौर पर पुलिस रिकार्ड में चांदा कस्बे में न तो पटाखा बनता है और न ही बेचा जाता है। जबकि कस्बे के पट्टी रोड पर मो. फिरोज हवाइदार का बोर्ड लगा है। बोर्ड के नीचे गुमटी में सामान्य पटाखा से लेकर प्रतिबंधित पटाखा तक बेचे जा रहे हैं। इनके पास न तो पटाखा बिक्री का लाइसेंस है और न ही इसके बनाने का। इसी तरह पुलिस चौकी कोइरीपुर की नाक के नीचे रामनगर व शास्त्रीनगर मुहल्ले में रऊफ व महमूद का परिवार भरी आबादी में पटाखा का निर्माण करता है। थानाक्षेत्र के तातोमुरैनी, रजवारे, रामपुर, इंदौली, किन्नीपुर, बडागांव आदि स्थानों पर बड़े पैमाने पर आबादी के बीच पटाखे का निर्माण हो रहा है। स्थानीय पुलिस सबकुछ जानने के बाद भी मामले से अंजान बनी है।
चार लाइसेंस दर्जनों दुकानें
चांदा थानाक्षेत्र के कोथरा बाजार में मुहम्मद शारुख, कोइरीपुर में मुहम्मद सईद, चांदा में अनवर हुसेन, महरानी पश्चिम में सहदुल निशा के नाम लाइसेंस है। अब तक नौ लोगों को अस्थायी लाइसेंस दिया गया है। जबकि थानाक्षेत्र में दर्जनों की संख्या में इस व्यवसाय से जुड़े लोग पुलिस व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं।
कोट
बीट के सिपाही व दारोगा को मामले से अवगत कराया गया है। बगैर लाइसेंस के न तो पटाखे बनेंगे और न ही बिकने दिया जाएगा।
-संजय ¨सह, कोतवाल चांदा