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मानव शरीर की आत्मा होती हैं पुस्तकें प्रो अग्निहोत्री

पुस्तकालय की उपयोगिता विषय पर आनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Jul 2020 10:53 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 10:53 PM (IST)
मानव शरीर की आत्मा होती हैं पुस्तकें प्रो अग्निहोत्री

सुलतानपुर : संत तुलसीदास महाविद्यालय पुस्तकालय विभाग के संयोजन में रविवार को आयोजित ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश भर से कई विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। ई-सोर्सेस एवं डिजिटल लर्निंग विषय पर आयोजित कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केसी अग्निहोत्री ने कहा कि पुस्तकों का चयन ही महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि पुस्तकें मानव शरीर में आत्मा के समान होता है। संगोष्ठी में नालंदा विश्वविद्यालय कुलपति प्रो एचएन प्रसाद ने ज्ञान के सृजन, संग्रहण और उसके प्रसारण में आधुनिक तकनीक के साधनों पर प्रकाश डाला। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से डॉ बीके सिंह ने भारतीय ज्ञान परंपरा का कोरोना से बचाव में भूमिका विषय पर अपना वक्तव्य देते हुए भारत सरकार के अनेक डिजिटल संसाधनों के बारे में चर्चा किया। डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊ के मनीष कुमार बाजपेई ने डिजिटल तकनीकी साधनों पर चर्चा की। आगरा विश्वविद्यालय के प्रो यूसी शर्मा ने समृद्ध पुस्तकालय व पुस्तकों तक पहुंच बना लेने को किसी भी संस्था या देश की प्रगतिशीलता का मानदंड बताया। समन्वयक डॉ हरेंद्र कुमार सिंह, प्रबंधक सौरभ त्रिपाठी, प्राचार्य डॉ जीतेंद्र तिवारी ने संगोष्ठी में भाग ले रहे विद्वानों व प्रतिभागियों के प्रति आभार जताया।

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