जनहित के मुद्दे पर भी एकजुट नहीं हो सका विपक्ष
सतीश श्रीवास्तव, सुलतानपुर : एकजुटता के सहारे लोकसभा चुनाव में भाजपा को पटखनी देने की तैयार
सतीश श्रीवास्तव, सुलतानपुर : एकजुटता के सहारे लोकसभा चुनाव में भाजपा को पटखनी देने की तैयारी में लगा विपक्ष भारत बंद मामले के मसले पर भी एकजुट नहीं हो सका। सभी दल अलग-अलग राग अलापते रहे। कांग्रेसी भी खेमों में बंटे दिखे। जिसके चलते बंद को आंशिक सफलता ही मिली।
कांग्रेस ने भारत बंद में बीस दलों के एक साथ होने का दावा किया था। सोमवार को ऐसा कुछ नहीं दिखा। समाजवादी पार्टी ने तहसील मुख्यालयों पर धरना दिया तो बसपा कार्यकर्ता कहीं नज़र नहीं आए। कम्युनिस्ट पार्टी बंद के समर्थन में सड़क पर तो उतरी, लेकिन कांग्रेस के साथ आने से परहेज किया। जिले में पहले से ही कांग्रेस तीन खेमों में बंटी हुई है। बंद की विफलता के लिए तीनों खेमे एक-दूसरे को दोषी ठहराने में जुटे हुए थे। तीनों ही गुट अलग-अलग पार्टी के झंडे लेकर उतरे। बंद कराने की कोशिश भी की। जिधर निकले दुकानों के शटर भी गिरे, लेकिन जुलूस निकलते ही फिर शटर उठ गए। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता रामशब्द मिश्र कहते हैं कि यह जिम्मेदारी जिलाध्यक्ष की थी कि वे बंद के पूर्व संध्या पर सभी दलों के जिलाध्यक्षों के साथ बैठ कर बातचीत करते। उन्होंने पार्टी के अंदर भी बातचीत करने की जरूरत नहीं समझी। कांग्रेस के ही विजय श्रीवास्तव कहते हैं कि हमने अपना दायित्व निभाने की पूरी कोशिश की। जहां तक संभव था बंद कराने का भी प्रयास किया। सभी लोग साथ होते तो परिणाम अच्छे आते। कांग्रेस के लोग स्वीकार करते हैं कि जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं में एकजुटता का अभाव है। लेकिन उन्हें उम्मीद है कि लोकसभा चुनाव में ऐसी स्थिति नहीं रहेगी। पार्टी नेतृत्व हस्तक्षेप करेगा और दूसरे समर्थक दलों से तालमेल बैठाने का कार्य शुरू हुआ। ऐसी स्थिति इसलिए भी रही क्योंकि अभी लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर स्थिति साफ नहीं हुई है। जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार मिश्रा दावा करते हैं कि बंद सफल रहा और सभी लोगों का सहयोग मिला।