..और जल उठे दियरा में 1051 दीये
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सुलतानपुर : ..आदि गंगा गोमती का दियरा घाट बुधवार की शाम 1051 दीयों के प्रकाश से जगमगा उठा। यही वह स्थल है जहां हजारों वर्ष प्रभु राम ने लंका विजय के बाद अयोध्या प्रस्थान करते समय पहली बार दीपावली मनाई थी। आदि गंगा में दीपदान के बाद पड़ोसी गांव में रात्रि विश्राम भी किया था।
छह नवंबर मंगलवार को दैनिक जागरण ने अपने अंक में 'जहां श्रीराम ने किया दीपदान, वहां है रोशनी का इंतजार' नामक शीर्षक से खबर छापी थी। इसे संज्ञान में लेकर क्षेत्र के आम जनमानस व प्रतिनिधियों ने दियरा राजघाट व घाट किनारे स्थित प्राचीन रामजानकी मंदिर में साफ-सफाई के बाद दीपावली के अवसर पर 1051 दीप जलाकर घाट को रोशन किया। इस अवसर पर राममूर्ति गुप्ता, लाखन ¨सह, रामसूरत गुप्ता, वैद्यनाथ विश्वकर्मा, अनिल, संजय ¨सह, अमित श्रीवास्तव, मुकेश, अवनीश, गौतम, मोहित गुप्ता, राकेश गुप्ता, संतोष गौतम व गोमती मित्र मंडल के सदस्य मौजूद रहे।