बूंदाबादी से बदला मौसम का मिजाज,बढ़ी ठंड
सोनांचल में एक बार फिर सोमवार की रात में अचानक मौसम परिवर्तन होने से सुबह के समय बूंदाबांदी हुई। इससे एक बार फिर किसानों के माथे पर चिता की लकीरे खींच गई। मौसम के बदलने से दलहनी-तिलहनी फसलों को नुकसान होगा। बारिश से सिर्फ गेहूं को ही फायदा होगा।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सोनांचल में एक बार फिर सोमवार की रात में अचानक मौसम परिवर्तन होने से सुबह के समय बूंदाबादी हुई। इससे एक बार फिर किसानों के माथे पर चिता की लकीरें खींच गईं। मौसम के बदलने से दलहनी-तिलहनी फसलों को नुकसान होगा। बारिश से सिर्फ गेहूं को ही फायदा होगा। पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहने से भगवान भाष्कर के दर्शन नहीं हुए। इससे लोग ठंड में ठिठुरते हुए दिखाई दे रहे थे।
जनपद में जनवरी महीने से ही लोगों को मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। इसकी मार सबसे अधिक किसानों को झेलनी पड़ रही है। जिले में पिछले एक सप्ताह से कड़ाके की धूप निकल रही थी। सोमवार को पूरे दिन धूप निकली हुई थी, इसी बीच रात में अचानक मौसम परिवर्तन होने से सुबह के समय बूंदाबादी शुरू हो गई। बारिश के साथ ही किसानों को एक बार फिर किसानों को मौसम की मार झेलनी पड़ रही है। बूंदाबादी होने से मौसम में ठंड का असर बढ़ गया। बादलों की आवाजाही के चलते पूरे दिन सूर्यदेव के दर्शन तक नहीं हो पाए। सर्दी से बचाव के लिए लोग गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आए। अचानक मौसम का मिजाज बदले से लोग कांपते रहे। बारिश व शीतलहर चलने से मौसम में ठंड बढ़ गई। बारिश गेहूं के फसलों के लिए लाभकारी है, लेकिन दलहनी व तिलहनी फसलों को इससे नुकसान होगा। किसानों का कहना है कि इस समय बारिश होने से गेहूं की फसल को लाभ होगा। अगर इसी तरह रहा मौसम तो होगा भारी नुकसान
मौसम खराब होने से रवि की फसल को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। गेहूं की फसल को छोड़ दिया जाए तो दलहन-तिलहन बर्बाद हो जाएगी। इन फसलों में फूल लगना शुरू हो गया है, इसलिए नुकसान शुरू हो गया है। अगर कुछ दिनों तक ऐसा ही मौसम बना रहा, तो इन फसलों के फूल झड़ जाने से उसमें फल नहीं लगेंगे। मसूर, सरसों, अरहर, मटर, चना आदि दलहन-तिलहन फसलों में लगने वाला फूल मुरझा कर गिरना शुरू हो गया है।