हम तो घर में रहेंगे औरों को भी कहेंगे
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कॉमन इंट्रो--
समाज के लिए समर्पित लोगों का जीवन भी घरों में कैद है। यह इस लिए कि वे अपने समाज को स्वस्थ देखना चाहते हैं। उनका जीवन समाज के बगैर अधूरा है। बहुत सारे सपनों को पूरा करने की योजना घरों में रहकर बनाने लगे हैं। ऐसे ही हैं नगवां नगवां ब्लाक प्रमुख और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक। दोनों लोगों ने लॉकडाउन का पालन करने के लिए लोगों से भी अपील की है।।
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अब खेती को पूरा समय
नगवां ब्लाक के प्रमुख प्रवीण सिंह मेहुड़ी गांव में रहते हैं। कहते हैं कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए 21 दिन का लॉकडाउन स्वीकार करें। सभी काम छोड़कर घर में रहें। प्रवीण अब तो खेती में समय देने लगे हैं। किताब, अखबार, पत्रिका पर ज्यादा समय देने लगे हैं। इसी से अपने बीच के लोगों और देश-दुनिया की खबरें ले रहे हैं। फोन पर समाज सेवा हो रही है। सभी को लॉकडाउन की जानकारी दे रहे हैं।
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जान है तो जहान है
राष्ट्रीय व राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त ऊंचडीह निवासी ओम प्रकाश त्रिपाठी घर में हैं। कहते हैं जान है तो जहान है। कहते हैं लॉकडाउन में मैं घर में ही सार्थक कार्यों में बिता रहा हूं। क्योंकि इस दौरान मुझे परिवार में रहने तथा अपने 69 वर्ष की उम्र में अपने लॉन में फूल पत्तियों की निराई-गुड़ाई करने, पर्याप्त कीर्तन-भजन करने, रचनाएं लिखने का अवसर मिल रहा है। भागवत, पुराण भी पढ़ने का मौका मिल जा रहा है। जो किताबें आधी-अधूरी लिखी पड़ी हैं पूर्ण हो जाएंगी। कहते हैं लॉकडाउन में सभी सहयोग करें, ताकि कोरोना को भगाया जा सके।