सरकारी एंबुलेंस व्यवस्था का लाभ न मिलने पर प्रदर्शन
भीषण ठंड के दौरान पिछले सप्ताह आग की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलसे दुर्गम खैराही के एक ग्रामीण को बचाने के लिए परिजन बार बार सरकारी एम्बुलेंस को फोन करते रहे लेकिन एम्बुलेंस मौके पर नही पहुंची।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : भीषण ठंड के दौरान पिछले सप्ताह आग की चपेट में आने से गंभीर रूप से झुलसे दुर्गम खैराही के एक ग्रामीण को बचाने के लिए परिजन बार बार सरकारी एंबुलेंस को फोन करते रहे लेकिन, एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। समय से इलाज नहीं हो पाने के कारण राम औतार की हालत काफी खराब हो गई। बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
पिछले दो वर्षों से रेणुकापार के दक्षिणी हिस्से के 40 से ज्यादा टोलों में सरकारी एंबुलेंस के नहीं जाने के कारण ग्रामीण दहशत में हैं। बुधवार को ग्रामीणों ने खैराही में प्रदर्शन कर शासन और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर जल्द इस क्षेत्र में एम्बुलेंस सेवा बहाल नहीं की गई तो ग्रामीण बड़ा आन्दोलन करेंगे।
ग्रामीणों ने बताया कि एंबुलेंस सेवा का कोई लाभ नही मिल रहा है जिसके कारण आपातकालीन मरीजों के लिए स्थिति विस्फोटक हो गई है। खासकर गर्भवती महिलाओं एवं विषैले जंतुओं के शिकार मरीजों के लिए जानलेवा स्थिति है। ग्रामीण भईया राम ने बताया कि खराब चिकित्सा व्यवस्था के कारण पहले से ही संकट झेल रहे ग्रामीणों को सड़कों का बहाना लेकर एंबुलेंस वाले केवल पनारी ग्राम पंचायत के ही 20 से ज्यादा टोलों में नही आ रहे हैं। गोकुल प्रसाद ने बताया कि जब एंबुलेंस वाले को फोन किया गया तो उसने मना कर दिया। एम्बुलेंस वाले ने कहा कि लखनऊ भी फोन कर लो लेकिन, वहां नहीं आएगे। इस दौरान ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मांग की कि अपेक्षित एंम्बुलेंस सेवा मुहैया कराई जाए। इसमें राम प्यारे, राम ईश्वर, सुखाई, रमेश, राम प्रसाद, गोकुल प्रसाद, राम जियावन, राम कुमार, शिव प्रसाद, बलवंत, राज बहादुर, राज कुमार, सूरज बलि, राम लल्लू, मानिकचंद, रामनाथ एवं सीता राम आदि थे।