Move to Jagran APP

मुर्गीडांड टोला वासियों ने किया प्रदर्शन

रेणुका पार के कई टोले आज भी बुनियादी विकास की बाट जोह रहे हैं। रेणुकापार के पनारी, परसोई, जुगैल, भरहरी, बैरपुर, कनहरा, नेवारी, बडगंवा सहित तमाम ग्राम पंचायतों के तीन दर्जन से ज्यादा टोले वर्तमान में दुर्गमता के साथ काला पानी की सजा झेल रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Sep 2018 07:32 PM (IST)Updated: Thu, 20 Sep 2018 07:32 PM (IST)
मुर्गीडांड टोला वासियों ने किया प्रदर्शन
मुर्गीडांड टोला वासियों ने किया प्रदर्शन

जासं, ओबरा (सोनभद्र) : रेणुका पार के कई टोले आज भी बुनियादी विकास की बाट जोह रहे हैं। रेणुकापार के पनारी, परसोई, जुगैल, भरहरी, बैरपुर, कनहरा, नेवारी, बड़गवां सहित तमाम ग्राम पंचायतों के तीन दर्जन से ज्यादा टोले वर्तमान में दुर्गमता के साथ काला पानी की सजा झेल रहे हैं। कई टोले ऐसे हैं जहां पूरा गांव ही निरक्षर है तो कई ऐसे हैं जहां बिजली-पानी और सड़क जैसी बड़ी बुनियादी सुविधाएं आजादी के सातवें दशक में भी नहीं पहुंची है। 

loksabha election banner

जुगैल ग्राम पंचायत के मुर्गीडांड़ टोले में लगभग सात वर्ष पहले सड़क पहुंची, प्राथमिक विद्यालय भी हो गया लेकिन उसके बाद अन्य जनहित योजनाएं आज भी नहीं पहुंची। सार्वजनिक वितरण प्रणाली, चिकित्सा सहित कई सुविधाओं का आज भी ग्रामीण इंतजार कर रहे हैं। भारी संकट झेल रहे ग्रामीणों ने तमाम समस्याओं को लेकर गुरुवार को प्रदर्शन करते हुए प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन कर रहे आदिवासी बाहुल्य टोले के रामसरन एवं शिवराम ने बताया कि शासन की तमाम योजनाएं इस टोले तक नहीं पहुंच पा रही हैं। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना के तहत गांव में एक भी कनेक्शन नहीं दिया गया। बड़ी संख्या में ग्रामीणों को राशन कार्ड नहीं मुहैया कराया गया है। राम बहार ने बताया कि चिकित्सा और पेयजल की भी अपेक्षित व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत के सेक्रेटरी भी कभी गांव में झांकने नहीं आते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.