बंधी निर्माण में अनियमितता का आरोप
जागरण संवाददाता खलियारी (सोनभद्र) श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन अंतर्गत नगवां ब्लाक के चयनित गांव कोदई में करोड़ों की लागत से सिचाई विभाग द्वारा बनवाई जा रही बंधी में भारी अनियमितता बरती जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि बंधी निर्माण में बिना अनुमित के पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, खलियारी (सोनभद्र) : श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन अंतर्गत नगवां ब्लाक के चयनित गांव कोदई में करोड़ों की लागत से सिचाई विभाग द्वारा बनवाई जा रही बंधी में भारी अनियमितता बरती जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि बंधी निर्माण में बिना अनुमित के पत्थर का अवैध खनन किया जा रहा है। साथ ही ब्लास्टिग के लिए मशीन से ड्रिलिग की जा रही है। वहीं पर कीमती पेड़ों की कटाई करते हुए वन विभाग की पहाड़ी से जेसीबी और ट्रैक्टर से मिट्टी की ढुलाई की जा रही है। जनपद के दूर-दराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए सरकार ने भले ही श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन योजना संचालित की, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। एक तरफ कई कार्य जहां वर्षो से अधूरे और बंद पड़े हुए हैं तो वहीं दूसरी तरफ भारी अनियमितता करते हुए पहाड़ों में अवैध खनन ब्लास्टिग कर जंगल और जमीन को तहस-नहस किया जा रहा है।
बगैर अनुमति के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में की जा रही है ब्लास्टिग
विकास खंड नगवां के पहाड़ी क्षेत्रों में पानी टंकी के निर्माण के लिए ब्लास्टिग की जा रही है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत बाराडांड़ में बन रही टंकी के लिए महीनों से ब्लास्टिग की जा रही है। जबकि कोदई में सिचाई विभाग के बंधी निर्माण और ब्लास्टिग के लिए ड्रिलिग की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यह क्षेत्र नक्सल प्रभावित है और वन क्षेत्र है। ऐसे में यहां ब्लास्टिग कैसे हो रही है। दूसरे बारूद की खेप कहां से आ रही है, यह जांच का विषय है। अगर इसी प्रकार से चलता रहा तो किसी अनहोनी की घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है। जबकि सभी जानते हैं कि बिहार और झारखंड की सीमा से लगने वाला यह क्षेत्र पूर्व में नक्सलवाद से काफी प्रभावित रहा है। बोले अधिकारी
जल जीवन मिशन योजना के तहत कार्य कराने के लिए कुछ जगहों पर ब्लास्टिग की अनुमति दी गई है। कुछ जगहों पर अनुमति नहीं है। जहां ब्लास्टिग हो रही हैं, वहां अनुमति है या नहीं इसकी जांच कराई जाएगी।
आशुतोष दूबे, एडीएम, नमामि गंगे परियोजना।