Move to Jagran APP

गोदाम में पड़ी यूरिया, पासवर्ड के चक्कर में वितरण ठप

जासं सोनभद्र किसान यूरिया के लिए परेशान हैं। पहले तो यूरिया ही नहीं थी लेकिन रविवार को यूरिया की खेप पहुंची तो बायो मैट्रिक मशीन के संचालन से पहले दर्ज किया जाने वाला पासवर्ड ही नहीं आया जिससे किसानों को दो दिन और इंतजार करना पड़ा। यही हाल मंगलवार को राब‌र्ट्सगंज सहकारी क्रय-विक्रय समिति में देखने को मिला। किसानों की लाइन लगी थी लेकिन पासवर्ड न आने से यूनिया का वितरण संभव नहीं था। जिसकी वजह से किसानों में रोष देखने को मिला।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Sep 2019 09:33 PM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 06:35 AM (IST)
गोदाम में पड़ी यूरिया, पासवर्ड के चक्कर में वितरण ठप

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : पारदर्शिता के लिए सरकार द्वारा बनाया गया सिस्टम भी कभी-कभी दर्द देने लगता है। जैसा अभी किसानों के साथ हो रहा है। धान की खेत में यूरिया की जरूरत है। वह गोदाम में है भी लेकिन सिस्टम के चलते वह वितरित नहीं हो पा रही है।

loksabha election banner

पहले तो यूरिया ही नहीं थी, लेकिन रविवार को खेप पहुंची तो बायोमैट्रिक मशीन के संचालन से पहले दर्ज किया जाने वाला पासवर्ड ही नहीं आया, जिससे किसान दो दिन से पासवर्ड का इंतजार कर रहे हैं। यह हाल मंगलवार को राब‌र्ट्सगंज सहकारी क्रय-विक्रय समिति पर देखने को मिला। दोपहर तक किसानों की लाइन लगी थी लेकिन पासवर्ड न आने से यूरिया का वितरण नहीं हो रहा था। राब‌र्ट्सगंज सहकारी क्रय-विक्रय समिति पर जागरण टीम मंगलवार को दिन में 11 बजे पहुंची। समिति के कार्यालय में महज लेखाकार सुनील कुमार ही मौजूद थे। उन्होंने बताया कि समिति के सचिव यशवीर सिंह हैं और वे मुख्यालय गए हैं जबकि विक्रेता के पद पर तैनात बृजेश कुमार भी मौजूद नहीं थे। इस समिति में किसानों की लंबी लाइन लगी हुई थी। कुशी के किसान आनंद सिंह, दुरावल कला के कल्पनाथ सिंह, पलिया कला के मुख्तार बेग, पिपरी के मुहम्मद इलियास, घुवास कला के शिवचरण, पिपरी के मुख्तार, जमगांव के कमलेश, कैथी के पूर्णवासी, घुवास के रमाशंकर मौर्या यूरिया लेने के लिए कई घंटे से समिति के कार्यालय के सामने बैठे रहे। वितरण न होने पर बताया गया कि समिति के कर्मचारी यूरिया के लिए जमा धन का चालान पीसीएफ को भेजते हैं। चालान पहुंचने के बाद पीसीएफ रिकवरी लेटर संबंधित खाद कंपनी के नाम जारी करता है। इसके बाद समिति के सचिव के दर्ज मोबाइल पर 12 अंकों का पासवर्ड भेजा जाता है। यही पासवर्ड बायोमैट्रिक मशीन में दर्ज किया जाता है। इसके बाद ही मशीन काम करती है। पासवर्ड न आने की वजह से किसानों को यूरिया आने के बाद भी दो दिनों से इंतजार करना पड़ रहा है। जर्जर गोदाम, कार्यालय की छत का गिर रहा प्लास्टर

राब‌र्ट्सगंज सहकारी क्रय-विक्रय समिति में राब‌र्ट्सगंज, घोरावल, चतरा, नगवां के साथ ही आंशिक चोपन ब्लाक के सैकड़ों किसान जुड़े हुए हैं। यहां रविवार को 450 बोरी यूरिया पहुंची तो उसे रखने के लाले पड़ गए। इसकी मुख्य वजह समिति के पास स्थित गोदामों की जर्जर स्थिति है। समिति का जिस भवन में कार्यालय है उसमें छोटे दो गोदाम हैं जबकि एक हाल नुमा गोदाम पूरी तरह से जर्जर हो गया है। इसकी छत पटिया व लकड़ी के धरन से बनी है। लकड़ी सड़ गई है और पटिया जगह-जगह फर्श पर गिरने की स्थिति है। कार्यालय की छत का प्लास्टर भी गिर रहा है। बोले किसान..

धान की रोपाई के बाद यूरिया की सख्त जरूरत है। महज सात दिनों का खेल है। पहले तो यूरिया का टोटा था लेकिन रविवार को यूरिया आई तो पासवर्ड के झाम के कारण दो दिनों से वितरित नहीं की गई।

-आनंद सिंह, कुशी। यूरिया न मिलने से धान की फसल चौपट हो रही है। यदि यूरिया का छिड़काव खेतों में हो जाए तो फसल खिल जाए लेकिन समितियों पर यूरिया का समय से न पहुंचना किसानों के लिए चिता का कारण बन जा रहा है।

-कल्पनाथ सिंह, दुरावल कला। खाद के इंतजार में बैठे हैं, ताकि खाद का वितरण शुरू हो और खेतों में छिड़काव किया जा सके लेकिन पहले खाद नहीं थी और जब खाद आई तो पासवर्ड के झाम में दो दिन से इंतजार कर रहा हूं।

-मुख्तार बेग, पलिया कला। सात दिनों के भीतर यूरिया नहीं मिली तो रोपी गई धान की फसल खराब हो जाएगी। यदि समिति से खाद नहीं मिली तो बाजार से खाद खरीदने की मजबूरी बन जाएगी।

-मुहम्मद इलियास, पिपरी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.