अनधिकृत रेलवे क्रासिगों से आवागमन दुर्घटना को दावत
ऊर्जांचल को जोड़ने वाले विभिन्न रेल प्रखंडों पर कई जगह अवैध रूप से रेलवे क्रासिग बनाकर आवागमन किया जा रहा है। इसका प्रमुख कारण रेलवे लाइन के समीप बसे गांव व शक्तिनगर-अनपरा के बीच रेल लाइन के दोनों ओर बसी बस्तियां हैं।
जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : ऊर्जांचल को जोड़ने वाले विभिन्न रेल प्रखंडों पर कई जगह अवैध रूप से रेलवे क्रासिग बनाकर आवागमन किया जा रहा है। इसका प्रमुख कारण रेलवे लाइन के समीप बसे गांव व शक्तिनगर-अनपरा के बीच रेल लाइन के दोनों ओर बसी बस्तियां हैं। जहां लोग अपनी सुविधा के अनुसार रेल लाइन को पारकर आवागमन कर रहे हैं। रेलवे इन सभी खामियों को नजरअंदाज कर रहा है। जिससे घटनाएं बढ़ रही हैं। बुधवार को मिर्चाधुरी रेलवे स्टेशन के समीप यात्री ट्रेन की चपेट में बोलेरो वाहन के आने की घटना ने विभाग को सोचने पर विवश कर दिया है। जहां पर घटना हुई है। उसके समीप तीन वर्ष पूर्व एक मालगाड़ी की भी चपेट में एक वाहन आया था। जिसे लेकर उस अवैध रेलवे क्रासिग को बंद कर दिया गया।
भाठ क्षेत्र के दर्जनों गांवों का आवागमन उसी रास्ते से होने के कारण ग्रामीणों ने घटनास्थल से दस मीटर आगे पुन: आवागमन का रास्ता बना लिया। जहां पर बुधवार को घटना हुई थी। इसी तरह सिलफोरी बस्ती, गुर्जर बस्ती व मिर्चाधुरी स्टेशन के पास अवैध क्रासिग बनाकर ग्रामीण आवागमन कर रहे हैं, जबकि ग्राम जोगिद्रा वन चौकी, जोगिद्रा सरहद, टेढ़ीतेन, परसोई आदि जगहों पर रेलवे द्वारा अंडर पास बनाए जाने से आसपास के रहवासियों को काफी राहत व दुर्घटना की आशंका नहीं है। अनपरा-शक्तिनगर के बीच अधिकांशत: जगहों पर रेलवे लाइन के किनारे सघन बस्तियां बसी हुई हैं। बीना स्टेडियम के सामने से सीएचपी व शिव मंदिर जाने वाले संपर्क मार्ग के बीच पड़ने वाले रेलवे लाइन पर आजतक मानवरहित क्रासिग नहीं बनाया गया। इस क्रासिग से सदैव छोटे-बड़े वाहनों व कई गांव में जाने का यही एक मात्र रास्ता है। इस अवैध रेलवे क्रासिग पर कई बार दुर्घटना हो चुकी है। रेलवे द्वारा कई बार वैरीकेटिग की गई, लेकिन आसपास के ग्रामीणों ने वैरीकेटिग हटाकर आवागमन को सुगम बना लिया है। जहां सदैव दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है। रेलवे विभाग के अनुसार क्षेत्र में सभी जगहों पर अंडरपास या मानवरहित क्रासिग बना दिया गया है। आसपास के रहवासी पटरियों के बीच मिट्टी पाटकर अपनी सुविधा अनुसार रेलवे लाइन पार कर आने-जाने का रास्ता बना लेते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जहां से लोगों का रेलवे लाइन पार कर आवागमन करना जरूरी है वहां विभाग को अंडरपास या पुलिया बनाकर सुविधा दी जानी चाहिए। जिससे होने वाली दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
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