Move to Jagran APP

उज्ज्वला ने आसान की रसोई, बचाया वास्तविक खजाना

म्योरपुर ब्लाक के जरहां ग्राम पंचायत में स्थित खमारबहरा टोला निवासी उमेश के परिवार में इतना पैसा नहीं था कि वह अपने से रसोई गैस सिलेंडर खरीदते। घर के लोग जंगल से लकड़ी लाते और उसी पर खाना बनता था। खाना बनाने में कई बार बच्चों को स्कूल जाने में देर होती थी। इतना ही नहीं बरसात के दिनों में तो लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाने में उमेश की पत्नी ललिता की आंख तक लाल हो जाती थी। इसी बीच उज्ज्वला योजना के तहत उन्हें गैस कनेक्शन मिला। अब ललिता की रसोई आसान हो गई है। कहती हैं रसोई तो आसान हुई भी वास्तविक खजाना यानि स्वास्थ भी ठीक है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 09:15 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 09:15 PM (IST)
उज्ज्वला ने आसान की रसोई, बचाया वास्तविक खजाना
उज्ज्वला ने आसान की रसोई, बचाया वास्तविक खजाना

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : म्योरपुर ब्लाक के जरहां ग्राम पंचायत स्थित खमारबहरा टोला निवासी उमेश के परिवार में इतना पैसा नहीं था कि वह अपने से रसोई गैस सिलेंडर खरीदते। घर के लोग जंगल से लकड़ी लाते और उसी पर खाना बनता था। खाना बनाने में कई बार बच्चों को स्कूल जाने में देर होती थी। इतना ही नहीं बरसात के दिनों में तो लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाने में उमेश की पत्नी ललिता की आंख तक लाल हो जाती थी। इसी बीच उज्ज्वला योजना के तहत उन्हें गैस कनेक्शन मिला। अब ललिता की रसोई आसान हो गई है। कहती हैं रसोई तो आसान हुई भी वास्तविक खजाना यानि स्वास्थ्य भी ठीक है।

loksabha election banner

ललिता जैसी एक दो नहीं बल्कि हजारों महिलाएं हैं जिन्हें उज्ज्वला के तहत कनेक्शन मिला और उनकी रसोई आसान बनी। सूबे के सर्वाधिक आदिवासी जनसंख्या वाले जनपद में आज भी गरीबी इस कदर है कि लोगों को दो जून की रोटी का इंतजाम करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में रसोई गैस सिलेंडर खरीदना मुश्किल काम था। वर्ष 2016 में जब योजना शुरू हुई तो सबसे पहले वर्ष 2011 की सामाजिक एवं आर्थिक गणना के आधार पर करीब 78 हजार परिवारों को सिलेंडर देने की योजना बनी। उसमें काफी परिवारों को कनेक्शन दिया भी गया। बाद में सुधार करते हुए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के सभी लोगों के लिए कनेक्शन देने की व्यवस्था हुई। दिसंबर 2018 में उज्ज्वला विस्तारित के नाम से इसे और वृहद रूप दिया गया। इसके तहत सभी राशन कार्डधारकों को कनेक्शन देने की व्यवस्था बनी। ऐसे में कुल एक लाख 60 हजार 303 लोगों को कनेक्शन दिए गए। कनेक्शन बांटने में कुल 32 गैस एजेंसियों की मदद ली गई। अब इनके सिलेंडर को रीफिलिंग कराने पर जोर है। केस : एक

म्योरपुर ब्लाक के अंजानी ग्राम पंचायत की रहने वाली धनसीरिया के पास इतना पैसा नहीं था कि वह रसोई गैस सिलेंडर खरीदती। लेकिन उज्ज्वला योजना ने उनके घर तक सिलेंडर पहुंचाया और इससे रसोई आसान हो गई। अब इसी पर भोजन बनता है। पूरा परिवार गैस चूल्हे पर बने भोजन को खाता है और धनसीरिया की आंख भी लाल नहीं होती। केस-दो

टीवी, अखबार में उज्ज्वला योजना के बारे में जानकारी होने पर लीलाडेवा गांव निवासी श्रीमती ने भी अपने नजदीक के गैस एजेंसी पर उज्ज्वला योजना के तहत आवेदन किया। करीब 20 दिन के बाद ही एजेंसी से फोन आया कि आपका कनेक्शन हो गया है। परिवार के लोग पहुंचे और सिलेंडर लेकर घर आए। उस दिन बढि़या पकवान बना। सभी ने खुशी मनाई। अब पूरा परिवार गैस चूल्हे पर बना खाना ही खाता है। ------------------------------

जिले की कुल आबादी : लगभग 21,00000

जिले में कुल गैस एजेंसी : 32

उज्ज्वला के कुल कनेक्शन : 160303


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.