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1320 मेगावाट की ओबरा सी परियोजना के पारेषण लाइन निर्माण में तेजी

20 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले प्रदेश में सभी घरों तक बिजली पहुंचाना चुनौती रही है। केंद्र सरकार के पावर टू आल कार्यक्रम के तहत ऊर्जा क्षेत्र में तमाम कार्य किए जा रहे हैं। आने वाले वर्षों में मांग 25000 मेगावाट से ज्यादा होने की संभावना है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Feb 2021 10:55 PM (IST)Updated: Mon, 15 Feb 2021 10:55 PM (IST)
1320 मेगावाट की ओबरा सी परियोजना के पारेषण लाइन निर्माण में तेजी
1320 मेगावाट की ओबरा सी परियोजना के पारेषण लाइन निर्माण में तेजी

जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : 20 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले प्रदेश में सभी घरों तक बिजली पहुंचाना चुनौती रही है। केंद्र सरकार के पावर टू आल कार्यक्रम के तहत ऊर्जा क्षेत्र में तमाम कार्य किए जा रहे हैं। आने वाले वर्षों में मांग 25000 मेगावाट से ज्यादा होने की संभावना है। ऐसे में ओबरा में 1320 मेगावाट क्षमता की ओबरा (सी) परियोजना के निर्माण में तेजी दिख रही है। अभी इस परियोजना से उत्पादन शुरू होने में कई माह बाकी हैं, लेकिन उत्पादित बिजली की निकासी के लिए पारेषण लाइनों का निर्माण जारी है। ओबरा (सी) से निकलने वाली पारेषण लाइनों और सब स्टेशनों के निर्माण में भी कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां काम कर रही हैं। परियोजना का निर्माण कर रही दक्षिण कोरियन कंपनी दुसान पावर सिस्टम द्वारा पहली इकाई को अक्टूबर 2021 तक चालू करने की संभावना है। निजी निवेश पर बन रही पारेषण प्रणाली

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ओबरा (सी) से विद्युत निकासी के लिए शत-प्रतिशत निजी निवेश के आधार पर पारेषण नेटवर्क बनाया जा रहा है। प्रदेश के ऊर्जा मंत्रालय के निर्देश पर पीएफसी कंसल्टिग लिमिटेड की ओर से 100 फीसद निजी निवेश पर स्वतंत्र निजी ट्रांसमिशन कंपनी (आइपीटीसी ) का चयन किया गया था। इसके तहत अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली (आइसीबी ) की प्रक्रिया के माध्यम से अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड की शेल कंपनी ओबरा (सी) बदायूं ट्रांसमिशन लिमिटेड (ओबीटीएल) को यह काम दिया गया। योजना के तहत ओबीटीएल से बिजली की निकासी के लिए पारेषण प्रणाली का निर्माण और संबंधित ट्रांसमिशन लाइनों के साथ 400 केवी जीआइएस सब स्टेशन बदायूं का निर्माण कर रही है। योजना में 765 केवी व 400 केवी की लगभग 625 किलोमीटर की ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया जा रहा है। योजना के तहत ओबीटीएल निर्माण के साथ अगले 35 वर्षों तक इसका वाणिज्यिक संचालन करेगी। विश्वस्तरीय तकनीक का प्रयोग

सब स्टेशनों में विश्वस्तरीय तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। योजना के तहत उझानी और बिल्सी में टर्नकी गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन (जीआइएस) का निर्माण हो रहा है। इसका निर्माण दुनिया में जानी मानी कंपनी लिनैक्सन द्वारा किया जा रहा है। माना जाता है कि लिनैक्सन द्वारा निर्मित सबस्टेशन बिजली के कुशल और विश्वसनीय संचरण और वितरण को सक्षम करते हैं।

वर्जन---

ओबरा (सी) के प्राथमिक चरण का कार्य अंतिम दौर पर है। इसके बाद तार खींचने का कार्य किया जाएगा। तय समय के अनुसार कार्य पूरा किया जाएगा।

विभु चंद्र, स्थानीय प्रबंधक ओबरा (सी) बदायूं ट्रांसमिशन लिमिटेड। ओबरा (सी) एक नजर में ...

विवरण- कुल क्षमता-1320 मेगावाट

इकाई संख्या-660 मेगावाट की दो इकाइयां

पर्यावरण स्वीकृति- एक अप्रैल 2016

शिलान्यास- 23 दिसंबर 2016

लागत- 10400 करोड़

निर्माता- दुसान पावर सिस्टम (दक्षिण कोरिया)

निर्माण समय- 52 माह, पहली इकाई से उत्पादन- अक्टूबर 2021

दूसरी इकाई से उत्पादन - अप्रैल 2022


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