पूर्वाचल में आधी-तूफान ने मचाई तबाही, चार की गई जान
आंधी-तूफान ने शुक्रवार को वाराणसी समेत पूर्वाचल में जमकर तबाही मचाई। इससे भदोही में दो मीरजापुर और गाजीपुर में एक-एक लोगों की जान चली गई। कई जिलों में टीन-छप्पर उड़ गए तो तार टूट जाने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई।
जागरण टीम, वाराणसी : आंधी-तूफान ने शुक्रवार को वाराणसी समेत पूर्वाचल में जमकर तबाही मचाई। इससे भदोही में दो, मीरजापुर और गाजीपुर में एक-एक लोगों की जान चली गई। कई जिलों में टीन-छप्पर उड़ गए तो तार टूट जाने से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। पेड़ गिरने, गेहूं के बोझ भींगने और उड़ने से किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है।
वाराणसी में आंधी व हल्की बारिश से रोहनिया, राजातालाब व भिखारीपुर में फसलों को भारी क्षति हुई और आम के लगे फल गिर गए। मीरजापुर में वज्रपात से मा की मौत हो गई, वहीं उसकी दो बेटिया झुलस गई। इसी जिले के सखौरा पावर हाउस में खराबी आने से सात घटे तक बिजली आपूर्ति ठप हो गई। भदोही में भी वज्रपात ने दो बालकों की जान ले ली और करीब 300 गावों में 18 घटे तक बिजली गुल रही। हवा इतनी तेज थी कि कई लोगों के घरों के टीन-छप्पर तक उड़ गए। गाजीपुर में आधी-तूफान से गिरे मड़हे व ईंट के पावा में दबकर एक महिला की मौत हो गई। चंदौली में भी बूंदाबांदी हुई। इससे खेतों में काटकर रखे गए बोझ भी भींग गए। मौसम विभाग के अनुसार बादलों की यह स्थिति लोकल हीटिंग और वातावरण में बढ़े नमी का परिणाम है। विज्ञानियों की मानें तो आगामी दो-तीन दिन तक ऐसे ही मौसम बने रहने की उम्मीद है। मक्का की फसल में आर्मि वार्म कीट का बढ़ा प्रकोप
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिला कृषि रक्षा अधिकारी जर्नादन कटियार ने बताया कि प्रदेश में कई जगहों पर विगत दिनों से मक्का की फसल में फाल आर्मि वार्म कीट का प्रकोप देखा गया है। इसकी रोकथाम के लिए किसानों को जानकारी दी गई।
कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि फाल आर्मि वार्म का लार्वा भूरा धूसर रंग का होता है। लार्वा अवस्था में पी के नीचे तीन पतली सफेद धरियां और सिर पर एक अलग सफेद उल्टा अंग्रेजी शब्द का वाई आकार का दिखता है एवं इसके शरीर के अंतिम खंड पर वर्गाकार आकार चार बिदु दिखाई देते हैं। इस कीट के प्रकोप की पहचान फसल के बढ़वार अवस्था में जैसे पत्तियों में छिद्र एवं पत्तियों के बाहरी किनारों पर कीट के मल मूत्र से पहचाना जाता है। इसका इसका प्रकोप होने पर यह करें उपाय
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि अन्य परजीवी 2 से 5 ट्राइकोग्रामा कार्ड एवं टेलोनोमस रेमस का प्रयोग अंडे देने की अवस्था में करने से इनकी संख्या की बढ़ोत्तरी में रोक लगाई जा सकती है। इसमें एनपीबी 250 एलई प्रभावशाली है। प्रारंभिक अवस्था में पांच प्रतिशत नीम का अर्क अथवा एजाडीरैक्टीन (नीम आयल) 0.15 फीसद की 1 लीटर मात्रा को 500 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें, यांत्रिक विधि के तौर पर सायं काल में तीन से चार की संख्या में प्रकाश प्रपंच लगाना चाहिए।