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तीन तलाक ने निकहत को दी उड़ान भरने की हिम्मत

जागरण संवाददाता सोनभद्र तीन तलाक का दंश झेल रही दुद्धी के डिघुल गांव की निकहत ने पति के साथ छोड़ने के बाद हार नहीं मानी है। मायके में दो बच्चों के साथ रह रही निकहत पिता व भाई पर बोझ बनने की बजाय काम करने का फैसला लिया। शिक्षित न होने के कारण उसने रोजगार के लिए मजदूरी को चुना और कड़ी मेहनत कर अपनी छह साल की पुत्री का दाखिला अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कराने में कामयाब हुई है। निकहत का मंशा बेटी को पढ़ा कर नौकरी में लाने की है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 05:43 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 05:43 PM (IST)
तीन तलाक ने निकहत को दी उड़ान भरने की हिम्मत
तीन तलाक ने निकहत को दी उड़ान भरने की हिम्मत

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अब्दुल्लाह

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : तीन तलाक का दंश झेल रही दुद्धी के डिघुल गांव की निकहत ने पति का साथ छोड़ने के बाद हार नहीं मानी। मायके में दो बच्चों के साथ रह रही निकहत पिता व भाई पर बोझ बनने की बजाए काम करने का फैसला लिया। शिक्षित न होने के कारण उसने रोजगार के लिए मजदूरी को चुना और कड़ी मेहनत कर अपनी छह साल की पुत्री का दाखिला अंग्रेजी माध्यम स्कूल में कराने में कामयाब हुई। निकहत की मंशा बेटी को पढ़ाकर नौकरी दिलाने की है।

दुद्धी कोतवाली क्षेत्र के डिघुल गांव की 30 वर्षीय निकहत के पैरों तले जमीन तब खिसक गई जब उसके पति उसी गांव निवासी निसार अहमद ने चार दिसंबर 2019 को एक छोटे से कागज के टुकड़े पर तीन तलाक दे दिया। तलाक देने से निकहत ही नहीं उसके पिता व भाई सैदुल्ला भी हैरत में पड़ गए। मायके वालों ने निकहत की तरफ से दुद्धी कोतवाली में तहरीर दी। तहरीर के आधार पर निसार अहमद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई और यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। पिता व भाई के माथे पर निकहत व उसके दो बच्चों की परवरिश को लेकर चिता की लकीर खींच गई। हालांकि निकहत की एक बात ने उन्हें बल दे दिया। उसका कहना था कि वह पढ़ी लिखी नहीं है लेकिन किसी पर भार नहीं बनना चाहती। पिता व भाई उसे यह कहते हुए दिलासा देते रहे कि वह आराम से बच्चों के साथ रह सकती है और किसी पर बोझ नहीं है लेकिन निकहत ने मजदूरी करने का फैसला लिया। वह कभी धान की कटाई तो कभी धान या गेंहू की रोपाई में मजदूरी करती। गांव में मकान बनाने के काम में मजदरी करती। उसकी यह मेहनत रंग लाई और उसने अपनी छह वर्षीय पुत्री का दुद्धी के अंग्रेजी माध्यम स्कूल में इसी वर्ष प्रवेश भी कराया। निकहत कहती हैं कि कानूनी दांव-पेच में मामला चल रहा है। उसको मिले उपचार को तलाक देने वाले पति ने वापस नहीं किया है। यह बताते हुए कि उसके पति ने दूसरी औरत के लिए उसे तलाक दे दिया आंखों नम हो जाती है लेकिन हिम्मत नहीं हारी है।


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