परियोजना की भूमि पर अतिक्रमण से सुरक्षा को लेकर खतरा
लीड--चित्र .10. सबहेड--औद्योगिक क्षेत्र में अशांति का माहौल परियोजना प्रबंधन बना अंजान -सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा कर लाखों रुपये में हो रही है खरीद-बिक्री -डिबुलगंज से शक्तिनगर तक मार्ग किनारे अधिकांशत परियोजनाओं की है भूमि
जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : ऊर्जांचल स्थित औद्योगिक प्रतिष्ठानों की भूमि पर अतिक्रमण किए जाने से परियोजना के साथ ही रिहायशी इलाकों की सुरक्षा भी खतरे में आ गई है। क्षेत्र के कुछ दबंग किस्म के व्यक्ति सरकारी भूमि पर कब्जा कर उसे लाखों रूपये में बिक्री कर रहे हैं। परियोजना प्रबंधन सब कुछ जानते हुए भी अनजान बना हुआ है, जिससे कब्जाधारकों के हौसले बुलंद हैं।
गौरतलब हो कि ऊर्जांचल में उत्तरप्रदेश की सबसे बड़ी तापीय परियोजना अनपरा, हिडाल्कों रेणुसागर, लैंको, एनसीएल की कोल परियोजना, एनटीपीसी शक्तिनगर की परियोजनाएं संचालित होती हैं। डिबुलगंज से लेकर शक्तिनगर तक मुख्य मार्ग के किनारे अधिकांशत: भूमि परियोजनाओं की है। जिन पर अतिक्रमण का सिलसिला वर्षों से जारी है। आलम यह है कि मुख्य मार्ग की पटरियां भी अतिक्रमण की शिकार हो गई है। क्षेत्र के कुछ अराजक तत्व व दबंग किस्म के युवक मुख्य मार्ग के किनारे परियोजना की भूमि पर कब्जा जमाकर बांस-बल्ली से घेरकर पहले कब्जा करते हैं। उसके बाद वहां कुछ निर्माण कराकर लाखों रूपये में उसे बेच देते हैं। यही स्थिति रिहायशी क्षेत्रों की भी है। इससे क्षेत्र में अशांति का माहौल बना रहता है। परियोजना प्रबंधन सब कुछ बखूबी जानते हुए भी अनजान बना रहता है। जबकि परियोजना के पास अपने भूमि को संरक्षित करने का विभाग व पर्याप्त सुरक्षा बल मौजूद है। फिर भी अतिक्रमण पर चुप्पी साधे रहते हैं। जिससे पूरा क्षेत्र अतिक्रमण का शिकार हो गया है। कब्जाधारकों के मामले में केवल लैंको परियोजना अपनी भूमि व आसपास की सुरक्षा को लेकर गंभीर रहता है।