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विस्फोटक परिवहन का मार्ग क्षतिग्रस्त होने से दुर्घटना का अंदेशा

जागरण संवाददाता अनपरा (सोनभद्र) यूपी स्थित कोल परियोजनाओं के बारूद घर जाने का संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त होने से जानलेवा हादसे की संभावना बनी हुई है। क्षतिग्रस्त मार्ग पर विस्फोटक लदे वाहनों की आवाजाही से नागरिकों में भय व्याप्त है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jul 2021 10:55 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 10:55 PM (IST)
विस्फोटक परिवहन का मार्ग क्षतिग्रस्त होने से दुर्घटना का अंदेशा

जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : यूपी स्थित कोल परियोजनाओं के बारूद घर जाने का संपर्क मार्ग क्षतिग्रस्त होने से जानलेवा हादसे की संभावना बनी हुई है। क्षतिग्रस्त मार्ग पर विस्फोटक लदे वाहनों की आवाजाही से नागरिकों में भय व्याप्त है।

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उप्र की सीमा में स्थित एनसीएल की ककरी, बीना, कृष्णशिला, खड़िया आदि कोल परियोजनाओं के लिए बारूद की आपूर्ति कहुआ नाला के समीप प्राचीन हनुमान मंदिर मार्ग पर स्थित बारूद घर से की जाती है। बंद वाहनों से प्रतिदिन विस्फोटक का परिवहन किया जाता है। वहां पर सीआइएसएफ द्वारा निरंतर पहरा दिया जाता हैं। जवाहर गुप्ता, अनिल कुमार, श्रीराम ठाकुर, निक्की तिवारी आदि का कहना है कि गत कुछ समय से उक्त मार्ग पर ओवरलोड़ राख परिवहन करने वाले वाहनों की आवाजाही से संपर्क मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। कई स्थानों पर तो विशालकाय गड्ढे निर्मित हो गए हैं। मार्ग पर पड़ने वाली पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो गई है। ऐसे में वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की प्रबल संभावना बनी हुई है। नागरिकों का कहना है कि यदि कभी भी विस्फोटक लदा वाहन पलटा तो जानलेवा हादसे की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। लोगों ने एनसीएल प्रबंधन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए तत्काल क्षतिग्रस्त मार्ग का अनुरक्षण कराए जाने की मांग की है। मार्ग के समीप ही बस्ती है। ऐसे में विस्फोटक लदे वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका से ही सिहरन होने लगती है। जल्द से जल्द इस मार्ग का अनुरक्षण कराया जाना निहायत जरूरी है।

-शैलेंद्र कुमार दुबे। मार्ग के क्षतिग्रस्त होने में ओवरलोड़ वाहन काफी हद तक जिम्मेदार हैं। प्रबंधन को इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए। ताकि सड़क को बार-बार क्षतिग्रस्त होने से बचाया जा सके।

- शिवकुमार गुप्ता। परियोजनाओं द्वारा वैसे तो सीएसआर के तहत तमाम जगहों पर सडकों के निर्माण कराया जाता है। कितु बारूद जैसे संवेदनशील सामग्री की परिवहन करने वाले मार्ग का अनुरक्षण न कराया जाना घोर उदासीनता का सूचक है।

- प्रवीण गिरी। यह मार्ग क्षेत्रवासियों के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। इसी मार्ग से अधिकांशत: लोग झिगुरदह हनुमान मंदिर को जाते हैं। मार्ग के किनारे काफी आबादी भी हैं। एनसीएल की यूपी स्थित कोल परियोजनाओं को इस संपर्क मार्ग का मरम्मत तत्काल कराना चाहिए।

- पंचम यादव। सीएसआर के तहत मार्ग बनाने के लिए कहा गया हैं। जल्द ही इस मार्ग की स्थिति में सुधार होगा।

- महाप्रबंधक वीके अग्रवाल, ककरी परियोजना।


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