मौसम बदलते ही फिर शुरू हुई थर्मल बै¨कग
जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : मौसम में बदलाव का असर दिखने लगा है। काफी समय से तापीय परि
जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : मौसम में बदलाव का असर दिखने लगा है। काफी समय से तापीय परियोजनाओं में बंद रही थर्मल बै¨कग फिर से शुरू हो गई है। शनिवार को अनपरा की चार में से तीन परियोजनाओं में जमकर थर्मल बै¨कग की जा रही है। दोपहर एक बजे तक 3740 मेगावाट क्षमता के सापेक्ष अनपरा की चारों परियोजनाओं से केवल 2400 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा था। यानी केवल अनपरा की परियोजनाओं से ही तकरीबन 1300 मेगावाट की थर्मल बै¨कग की जा रही है।
प्रदेश के अन्य उत्पादन गृहों की बात करें तो ओबरा और एलपीजीसीएल के अलावा सभी परियोजनाओं से थर्मल बै¨कग की जा रही है। ओबरा बी से पूरी क्षमता से उत्पादन हो रहा है। इसके अलावा हरदुआगंज और पारीछा से भी जमकर थर्मल बै¨कग की जा रही है। प्राइवेट उत्पादन इकाइयों की बात करें तो अलकनंदा, बीईपीएल, लैंको, रोसा, टांडा और वीपीआरजी से भी जमकर थर्मल बै¨कग हो रही है। उत्पादन निगम की ओर से लगभग सभी उत्पादन इकाइयों को उनकी क्षमता से आधे उत्पादन का शेड्यूल दिया गया है।
अधिकारियों का कहना है कि मांग में कमी के कारण ऐसा किया जा रहा है। प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में प्री-मानसून ने दस्तक दे दी है। जिस कारण बिजली की मांग में भारी कमी देखी जा रही है। कुछ दिनों पहले तक दोपहर में ही जहां बिजली की मांग 16000 से 17000 मेगावाट के आंकड़े को पार कर जाती थी, वहीं शनिवार को बिजली की मांग दोपहर में केवल 13000 मेगावाट तक ही पहुंच सकी थी। मौसम को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि शाम तक भी बिजली की मांग 15000 मेगावाट के आंकड़े को पार नहीं कर पाएगी। ऐसे में थर्मल बै¨कग अभी भी जारी रहने की संभावना है। वहीं मानसून के आने में भी अब ज्यादा समय नहीं बचा है।
मानसून में भी बिजली की मांग में कमी आनी तय है। पारेषण लाइनों की हालत भी जर्जर ही है। ऐसे में उत्पादन निगम को अभी कुछ महीनों तक थर्मल बै¨कग से निजात मिलती नहीं दिख रही है।