श्रमिकों के भुगतान की जिम्मेदारी उत्पादन निगम की
थ अनुबन्ध एक वर्ष का होता है। ठेकेदार यदि पांच वर्ष तक लगातार उसी काम को करता है और श्रमिक उन पाच वर्षो तक लगातार कार्य किया है तो उसे हर हाल में ग्रेच्युटी मिलनी चाहिये। यदि ठेकेदार बदल जाता है तो उसकी जिम्मेदारी उत्पादन निगम की होगी। ग्रेच्युटी का भुगतान उत्पादन निगम को करना होगा। कहा कि यदि श्रमिक कार्य छोडता है तो उसे दो दिनो के भीतर उसको भुगतान मिल जाना चाहिये। अन्यथा ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : स्थानीय टीटीआइ सभागार में उपश्रमायुक्त पिपरी सरजू राम की अध्यक्षता में मुख्य नियोक्ता उत्पादन निगम व ठेकेदारों की बैठक हुई। इसमें उपश्रमायुक्त ने ठेकेदारों को न्यूनतम मजदूरी देने की हिदायत दी। ठेकेदारों ने कहा कि उनका भुगतान गत ढाई वर्ष से नहीं हो पा रहा है। ऐसे में श्रमिकों को भुगतान में समस्या आ रही है। इस पर उपश्रमायुक्त ने कहा कि यदि श्रमिकों के भुगतान में देरी होती है तो उसकी जिम्मेदार पूरी तरह से ¨प्रसिपल इंप्लायर के तौर पर उत्पादन निगम की है। ऐसी स्थिति में श्रमिकों का भुगतान उत्पादन निगम को करना होगा। निगम के अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि ठेकेदारों का नियमित रूप से भुगतान करें ताकि श्रमिकों के भुगतान में देरी न हो। कहा कि जिस ठेकेदार के पास 50 से कम श्रमिक हैं उन्हे लेबर लाइसेंस लेने की जरूरत नहीं है। यदि उत्पादन निगम 50 से कम लेबर पर लाइसेंस की मांग करता है तो वह गलत है। इस अवसर पर मुख्य रूप से टीटीआइ के निदेशक वीके गौतम, उप महाप्रबंधक एमएल पाण्डेय, इं. अशोक कुमार, वीके मालवीय, दीन दयाल, केके तिवारी, सीपी राय, आदित्य विश्वकर्मा, विमल चौकसे आदि मौजूद रहे। ग्रेच्युटी की जिम्मेदारी ¨प्रसिपल एम्पलायर की : उपश्रमायुक्त
टीटीआइ सभागार में पत्रकारों से बातचीत में उपश्रमायुक्त सरजू राम ने कहा कि संविदा श्रमिकों को ग्रेच्युटी देने की जिम्मेदारी ¨प्रसिपल एंप्लायर की होगी क्योंकि बिजली परियोजना में ठेकेदारों के साथ अनुबंध एक वर्ष का होता है। ठेकेदार यदि पांच वर्ष तक लगातार उसी काम को करता है और श्रमिक उन पांच वर्षों तक लगातार कार्य किया है तो उसे हरहाल में ग्रेच्युटी मिलनी चाहिए। यदि ठेकेदार बदल जाता है तो उसकी जिम्मेदारी उत्पादन निगम की होगी। ग्रेच्युटी का भुगतान उत्पादन निगम को करना होगा। कहा कि यदि श्रमिक कार्य छोड़ता है तो उसे दो दिनों के भीतर भुगतान मिल जाना चाहिए।