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संक्रमितों के लिए जिले में 200 से बढ़कर 703 हुआ बेड

सबहेड मिलने लगे कोरोना मरीज तो बढ़ाया गया संसाधन ------------------------- 109 आक्सीजन बेड वर्तमान में हैं जिले में पहले था सिर्फ 20 09 अस्पतालों को कोविड एल-टू हास्पिटल के अलावा सौंपी गई जिम्मेदारी 26 वेंटीलेटर बेड हैं जनपद में पहले इसकी संख्या थी केवल 20 02 आक्सीजन प्लांट की स्थापना से जनपद को मिला सांस -------------------------- सहूलियत -अनपरा के करहिया में स्थित आक्सीजन प्लांट को किया गया दुरुस्त -सीडीओ की अध्यक्षता में हर दिन की व्यवस्था की हो रही समीक्षा

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 05:24 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 05:24 PM (IST)
संक्रमितों के लिए जिले में 200 से बढ़कर 703 हुआ बेड
संक्रमितों के लिए जिले में 200 से बढ़कर 703 हुआ बेड

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जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जिले में बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों की संख्या को देखते हुए संसाधनों में लगातार इजाफा किया जा रहा है। एक अप्रैल को जहां दो सौ बेड वाले कोविड एल-टू अस्पताल में ही रोगियों का उपचार हो रहा था, वहीं अब कोविड रोगियों के लिए छह निजी व सरकारी चिकित्सालयों को भी उपचार की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसकी वजह से बेडों की संख्या में इजाफा हुआ ही, आक्सीजन व वेंटीलेटर बेडों की भी संख्या बढ़ गई। दो आक्सीजन प्लांट की स्थापना के साथ ही बी व डी टाइप सिलेंडरों में भी बढ़ोत्तरी होने से लोगों को राहत मिली है।

राब‌र्ट्सगंज ब्लाक के ग्राम पंचायत लोढ़ी में स्थित जिला अस्पताल परिसर में एक अप्रैल को दो सौ बेड का कोविड अस्पताल संचालित था। कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा होने पर जिला प्रशासन ने कई अहम निर्णय लेकर उपचार में प्रयुक्त होने वाले संसाधनों में त्वरित रूप से इजाफा किया है। पहले कोविड एल-टू अस्पताल में ही कोरोना रोगियों का उपचार किया जा रहा था। इन अस्पतालों में हो रहा मरीजों का इलाज

रोगियों की संख्या में वृद्धि के चलते जिला अस्पताल के अलावा धन्वंतरि चिकित्सालय एनटीपीसी रिहंद, हिडाल्को अस्पताल रेणुकूट, संजीवनी चिकित्सालय एनटीपीसी शक्तिनगर, जीवन ज्योति मसीही अस्पताल राब‌र्ट्सगंज, कीर्ति पाली चिकित्सालय राब‌र्ट्सगंज, सोनभद्र मल्टी चिकित्सालय राब‌र्ट्सगंज, साईं चिकित्सालय राब‌र्ट्सगंज व रेनूपावर चिकित्सालय रेनुसागर को कोरोना संक्रमितों के उपचार की जिम्मेदारी मई में सौंपी दी गई। आक्सीजन बेड बढ़ने से मिली राहत

चिकित्सालयों की संख्या बढ़ने से कोरोना रोगियों के लिए बेडों की संख्या 200 से 703 पहुंच गई है। आक्सीजन बेडों की संख्या पहले 20 थी, वहीं मई में इसकी संख्या बढ़कर 109 हो गई है। वेंटीलेटर बेड पहले जहां 20 थे वहीं इन चिकित्सालयों के जुड़ने से यह संख्या 26 हो गई हैं। बढ़ गए 438 आक्सीजन सिलेंडर

अप्रैल 2021 में कोविड एल-टू अस्पताल में आक्सीजन सिलेंडरों की संख्या 514 थी। जिसमें डी व बी टाइप सिलेंडरों की संख्या क्रमश : 442 व 72 रही। निजी चिकित्सालयों में कोरोना रोगियों के उपचार की व्यवस्था होने से 438 सिलेंडरों का इजाफा हुआ है, जिसमें डी व बी टाइप सिलेंडरों की संख्या क्रमश: 218 व 220 हैं। आक्सीजन सिलेंडरों में दो गुना की बढ़ोत्तरी होने से रोगियों को काफी लाभ मिला है और आक्सीजन की किल्लत खत्म हो गई हैं। आक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भर हुआ जनपद

आक्सीजन की कमी से किसी भी रोगी की मौत न हो, इसके लिए जिले ने उपलब्धि हासिल की है। म्योरपुर ब्लाक के अनपरा से लगे करहिया में बंद पड़े आक्सीजन प्लांट को चालू करने में कामयाबी मिली है। यहां प्रतिदिन डी टाइप 350 सिलंडरों में आक्सीजन भरकर अस्पतालों में भेजा जा रहा है। इसके अलावा जिला अस्पताल में स्थापित आक्सीजन प्रोडेक्शन प्लांट को भी चालू कर लिया गया है। यहां प्रति मिनट 45 लीटर आक्सीजन जनरेट हो रही है। यहां एक साथ आठ से 10 जरूरतमंद मरीजों को सीधे पाइप लाइन से आक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। अप्रैल तक वाराणसी से मंगाते थे आक्सीजन

बता दें कि अप्रैल में जनपद में आक्सीजन का उत्पादन नहीं होता था। आक्सीजन की आपूर्ति मध्यप्रदेश राज्य के सिगरौली के अलावा मीरजापुर व वाराणसी से की जाती थी। वर्जन----

अनपरा के करहिया में स्थित प्लांट में 10 मई को मोटर में खराबी के कारण आक्सीजन उत्पादन बंद हो गया था। हिडाल्को परियोजना रेणुकूट के इंजीनियरों द्वारा मोटर को दुरुस्त कर दिया गया है और यहां आक्सीजन का उत्पादन जारी है। जिला संयुक्त चिकित्सालय में हिडाल्को इंडस्ट्रीज रेणुकूट व अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड डाला इकाई के सौजन्य से आक्सीजन कंसेंट्रेटर प्लांट चाल कर लिया गया है, जिससे जिले में आक्सीजन की किल्लत खत्म हो गई है।

- अभिषेक सिंह, जिलाधिकारी।

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कोरोना संक्रमितों को स्वास्थ्य एवं चिकित्सा की बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए हर दिन संसाधनों में इजाफा किया जा रहा है। वेंटीलेटर व सिलेंडरों की संख्या बढ़ी है। हर दिन व्यवस्था की समीक्षा मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में की जा रही है ताकि कोरोना संक्रमितों को किसी तरह की कोई दिक्कत न हो।

- डा. नेम सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी।


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