अवैध खनन की शिकायत पर जांच को पहुंची टीम
शिकायत पर शासन द्वारा गठित जांच हेतु एक उच्च स्तरीय टीम बुधवार को पूर्वाह्न 10 बजे कनहर नदी बालू साइट पहुंची। करीब 3 घंटे कोरगी व पिपरडीह साइट के स्वीकृत खनन रकबे व वन भूमि को नक्शे से ट्रेस कर सभी
जागरण संवाददाता, महुल (सोनभद्र): बार-बार मिल रही अवैध खनन की शिकायत पर वन विभाग ने गंभीरता दिखाई। शासन के निर्देश पर गठित एक विशेष टीम ने बुधवार को दुद्धी तहसील क्षेत्र के कोरगी व पिपरडीह में पहुंचकर खनन का जायजा लिया। वहां स्वीकृत खनन रकबे व वन भूमि का नक्शे से मिलान कराते हुए सभी तरफ से जीपीएस रीडिग भी ली। करीब तीन घंटे की जांच के दौरान वन विभाग के अधिकारियों के हाथ पांव फूलते नजर आए। इस दौरान नदी में कई स्थानों पर गड्ढे देख टीम के सदस्यों ने पूछताछ की और नाराजगी जताई।
मुख्य वन संरक्षक एवं नोडल अधिकारी पंकज मिश्रा व कंजर्वेटर प्रयागराज राजीव मिश्रा के नेतृत्व में सुबह करीब दस बजे कोरगी पहुंची टीम ने संबंधित रेंज के सभी वन कर्मियों को नदी से बाहर रहने की हिदायत दी। इसके बाद कनहर नदी का जायजा लेते हुए वन क्षेत्र के सीमांकन चिह्नों से खनन की स्थिति से अवगत हुए। अनियमितताओं को देखकर पूछताछ की। गोल मटोल जवाब सुनकर नाराजगी भी जताई। विढमगंज रेंजर पर नाराजगी जताई जताते हुए उनके तैनाती के बारे में पूछा। इस पर रेंजर ने बताया कि रेंज में दो साल से तैनात हैं। नदी में जगह जगह खनन कर बनाए गए बड़े-बड़े गड्ढों के बावत पूछने पर साइड संचालक ने बताया कि नदी में तीन मीटर गहरा खनन की अनुमति है।
रिपोर्ट के आधार पर होगी कार्रवाई
जांच करने आए नोडल चीफ पंकज मिश्रा ने पत्रकारों से बताया कि यह जांच शासन के निर्देश पर हो रही है। इस मामले में शिकायत हुई थी। उसी आधार पर जांच टीम गठित हुई है। सभी रीडिग ली गई है। गूगल से वन क्षेत्र में हुए खनन की वास्तिवक स्थिति का पता लगाकर रिपोर्ट शासन को दी जाएगी। कोरगी बालू साइड जाने के लिए गत कुछ माह पहले बगैर एनओसी ट्रकों की आवाजाही के लिए प्रयोग हो रहे वन मार्ग के संबंध में उन्होंने कहा कि मार्ग को कटवा दिया गया है। जीपीएस रीडिग से गूगल से खनन पट्टा स्वीकृत होने से पहले की स्थिति और बाद में किए गए बदलाव की रिपोर्ट तैयार होने के बाद कार्रवाई के लिए कहा। इस मौके पर डीएफओ सोनभद्र संजीव कुमार सिंह, डीएफओ रेणुकूट एमपी सिंह, एसडीओ दिनेश कुमार सिंह, मनमोहन मिश्रा, कुंजमोहन वर्मा आदि मौजूद थे।