जुगाड़ से टूट रही सांस, हर घर नल योजना से आस
जुगाड़ के सहारे वर्षों से पेयजल का प्रबंध कर रहे भाठ क्षेत्र के लोगों के हौसले अब पस्त होने लगे हैं। अब केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण हर घर नल योजना पर ही उनकी उम्मीदें टिकीं हैं।
जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : जुगाड़ के सहारे वर्षों से पेयजल का प्रबंध कर रहे भाठ क्षेत्र के लोगों के हौसले अब पस्त होने लगे हैं। अब केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण हर घर नल योजना पर ही उनकी उम्मीदें टिकीं हैं।
पानी की गंभीर समस्या के चलते सोनभद्र के भाठ क्षेत्र को उड़ीसा के कालाहांडी की संज्ञा दी जाती है। दशकों से यहां के लोग कई किमी दूर स्थित चुआड़ के प्रदूषित पानी के सहारे खुद के साथ स्वजनों व पशुओं की प्यास बुझाते हैं। इससे उन्हें तमाम जलजनित बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है। हालांकि शासन द्वारा तमाम उपाय किए गए हैं, कई जगह हैंडपंपों की स्थापना की गई है कितु पाताल की तरफ खिसकते जलस्रोत के कारण तमाम हैंडपंप निष्प्रयोज्य हो गए हैं। निरंतर खिसकते जलस्रोत को सुधारने के लिए शासन स्तर पर क्षेत्र में बाउली व चेकडैम का निर्माण कराया गया है। ऐसे में अब उनकी आस परिक्षेत्र में तेजी से चल रहे कुलडोमरी, परासी व बेलवादह पेयजल योजनाओं पर ही टिकी है। इन योजनाओं पर चल रहा काम
परिक्षेत्र में इस समय 410 करोड़ रुपये की कुलडोमरी समूह पेयजल योजना व 289 करोड़ लागत वाली परासी व बेलवादह पेयजल समूह योजना का कार्य प्रगति पर है। कुलडोमरी समूह योजना के तहत 200 किमी पाइप लाइन बिछाई गई है। इसके माध्यम से भाठ क्षेत्र के हर घर तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है। दूसरी तरफ बेलवादह योजना के तहत 200 किमी व परासी योजना के तहत 330 किमी पाइप लाइन बिछाने का कार्य प्रगति पर है।