ओबरा थाने का स्थानांतरण किसी चुनौती से कम नहीं
ओबरा-सी के निर्माण में तेजी की वजह से परियोजना की जद में आए कई क्षेत्रों को खाली कराने की चुनौती शुरू से ही परियोजना प्रशासन की रही है।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : ओबरा-सी के निर्माण में तेजी की वजह से परियोजना की जद में आए कई क्षेत्रों को खाली कराने की चुनौती शुरू से ही परियोजना प्रशासन की रही है। गत एक दशक के दौरान परियोजना प्रशासन ने सेक्टर 5, 6 एवं 7, सब्जी मार्केट, डकहिया बस्ती, रांची डेरा, इन्द्रा मार्केट, झरिया नाला बाजार सहित आंशिक तौर पर सेक्टर 2 व 3 को खाली कराने में सफलता पाई है, लेकिन कोल यार्ड के लिए ओबरा थाना परिसर को अंयंत्र स्थानांतरित करना चुनौती बन गया है। ओबरा थाने का स्थानांतरण बना सिरदर्द
ओबरा-सी की वजह से ओबरा थाने का स्थानांतरण परियोजना प्रशासन के लिए सिरदर्द बन गया है। वर्ष 2017 से चल रहे प्रयासों को अभी तक धरातल नहीं मिल पाया है। थाने के निर्माण के लिए चयनित हो रही भूमि का बार-बार विरोध होने से निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पा रही है, जबकि लगभग साढ़े तीन करोड़ की लागत वाली योजना के लिए निविदा प्रक्रिया काफी पहले ही पूरी कर ली गयी है। सबसे पहले वर्ष 2017 में थाने का निर्माण ओबरा पीजी कालेज परिसर में करने का निर्णय लिया गया लेकिन कालेज के छात्रों के भारी विरोध के कारण 20 फरवरी 2018 को यह निर्णय वापस लेना पड़ा। उसके बाद पीजी कालेज के समक्ष स्थित भूमि पर इसे बनाने का प्रयास किया गया, लेकिन यहां भी विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के विरोध की वजह से थाने का निर्माण पुन: टल गया। अब वर्तमान में सेक्टर आठ स्थित आकाशवाणी ग्राउंड में थाने के निर्माण का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन यहां भी परियोजनाकर्मियों का विरोध शुरू हो गया है। प्रस्तावित माडल थाने का निर्माण इलाहाबाद हेड क्वार्टर से आए नक्शे के आधार पर किया जाना है। इसके तहत थाना परिसर में कुल 20 कमरे के साथ दो बड़े हाल, मेसरूम, कार्यालय लाबी, वेटिग रूम, कैंटीन, मालखाना, टायलेट आदि का निर्माण किया जाना है। थाने का 70 फीसद क्षेत्र रेणुकापार में
ओबरा थाने के कुल क्षेत्र पर नजर डाला जाए तो इसका 70 फीसद से ज्यादा हिस्सा रेणुकापार के हिस्से में पड़ता है। दो दिनों पूर्व ही परियोजना प्रशासन ने ओबरा थाने से रेणुकापार जाने के लिए ओबरा डैम जाने वाले मार्ग को सदैव के लिए बंद कर दिया है। ऐसे में अब थाने के 70 फीसद स्थान तक पहुंचना चुनौती जैसा हो गया है। गत कई जगहों पर थाने के निर्माण को लेकर चल रहे विरोध को देखते हुए वैकल्पिक तौर पर सेक्टर नौ में ओम चौराहे से पहले खाली पड़ी भूमि की भी चर्चा है। भविष्य के लिहाज से यह जगह पुलिस कार्यों के लिए काफी अनुकूल होगी। आने वाले दिनों में रेणुका नदी पर नया पुल बनना है। इस पुल तक जाने वाला वाला संपर्क मार्ग ओम चौराहे से गुजरेगा। उस स्थान से रेणुका पुल अधिकतम दो किलोमीटर ही पड़ेगा। जिससे पुलिस को रेणुकापार जाने में कम समय लगेगा,साथ ही इस स्थान पर थाना निर्माण का विरोध भी नहीं होगा।
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बोले अधिकारी
ओबरा थाना परिसर में मौजूद रिहायशी बिल्डिग को गिराने की प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी, लेकिन ओबरा थाना कार्यालय और बैरक को फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था से पहले नहीं गिराया जाएगा। कोल यार्ड के हिस्से में पड़ने वाले थाना परिसर को कोरियन कंपनी को जल्द से जल्द हस्तगत करना है।
इं.कैलाश गुप्ता, महाप्रबंधक ओबरा सी।