उपकोषागार हटाने पर तहसील गेट किया बंद
घोरावल तहसील में स्थित उप कोषागार को कोषागार सोनभद्र से संबद्ध करने के कारण स्टांप वेंडरों के साथ-साथ अधिवक्ताओं में भारी नाराजगी है। गत पांच दिनों से न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए छठवें दिन बुधवार को तहसील का मुख्य गेट बंद कर सड़क पर बैठै स्टांप विक्रेताओं तथा अधिवक्ताओं ने संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन किया।
जासं, घोरावल (सोनभद्र): घोरावल तहसील में स्थित उप कोषागार को कोषागार सोनभद्र से संबद्ध करने के कारण स्टांप वेंडरों के साथ-साथ अधिवक्ताओं में भारी नाराजगी है। गत पांच दिनों से न्यायिक कार्य से विरत रहते हुए छठवें दिन बुधवार को तहसील का मुख्य गेट बंद कर सड़क पर बैठे स्टांप विक्रेताओं तथा अधिवक्ताओं ने संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन किया।
तहसील अधिवक्ता समिति घोरावल के अध्यक्ष संतोष कुमार मिश्र तथा दी घोरावल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अफजाल अहमद सिद्दीकी ने संयुक्त रूप से स्टांप वेंडरों के समर्थन में धरना प्रदर्शन किया। अधिवक्ताओं ने ऊंचे स्वर में शासन की इस मंशा का विरोध किया। नारेबाजी करते हुए तहसील रोड पर आगे बढ़ गए। गत दिनों बैठक कर मुख्यमंत्री व जिलाधिकारी के नाम संबोधित ज्ञापन संपूर्ण समाधान दिवस पर भी दिया। कहा कि शासन द्वारा उप कोषागार घोरावल को बंद करने का फैसला सरासर गलत है। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि वरिष्ठ कोषाधिकारी सोनभद्र द्वारा पूर्ण साजिश के तहत उप कोषागार घोरावल को बड़े स्टांप 10 हजार रुपये से 25 हजार रुपये व अन्य छोटे स्टांप समय से उपलब्ध नहीं कराया जाता है। स्टांप वेंडरों ने कहा कि तहसील घोरावल से मुख्यालय की दूरी लगभग 40 से 45 किलोमीटर है। बड़ी रकम लेकर जाने में हम स्टांप वेंडरों की जान व माल का खतरा है। न्याय शुल्क जमा करने में भी परेशानी हो रही है। जिससे न्यायिक प्रक्रिया में विलंब होगा। सरकारी फीस तथा बड़े स्टांप का पैसा जमा करने के लिए अत्यधिक 40 से 45 किलोमीटर दूर मुख्यालय जाने में जान-माल का खतरा बना रहेगा। इस मौके पर रामअनुज धर द्विवेदी, आदिनाथ मिश्र, प्रयाग दास, महेश यादव, गोपाल सिंह, सच्चिदानंद चौबे आदि मौजूद थे।