बच्चों के भविष्य को स्कूलों में दिया गया टैबलेट
जनपद के सौ परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को तकनीकी के प्रभाव से जागरूक करने के लिए वहां के शिक्षकों को सोमवार की दोपहर में टैबलेट दिया गया। बच्चों की समझ नींव का निर्माण किए जाने के उद्देश्य से पहले चरण में इसे हर ब्लाक के चुनिदा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में टैबलेट दिया गया।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जनपद के सौ परिषदीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को जागरूक करने के लिए वहां के शिक्षकों को सोमवार की दोपहर में टैबलेट दिया गया। बच्चों की समझ विकसित करने के उद्देश्य से पहले चरण में इसे हर ब्लाक के चुनिदा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में टैबलेट दिया गया।
कलेक्ट्रेट सभागार में अपर जिलाधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने नीति आयोग के साथ कार्य कर रही संस्था हैसलफ्रे द्वारा प्रदत्त टैबलेट शिक्षकों में वितरित किया। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही नेशनल मिशन फॉर इंटर डिसिपलिनरी साइबर फिजिकल सिस्टम कार्यक्रम के तहत जनपद के कक्षा छह से आठ में अध्ययनरत बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस रोबोटिक लर्निंग सिस्टम के माध्यम से बच्चों की समझ नींव का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। कार्यक्रम के तहत जनपद के 100 उच्च प्राथमिक विद्यालयों के 100 विद्यालयों के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। विद्यालयों में टैबलेट के माध्यम से बच्चों द्वारा किए जा रहे अध्ययन का रिपोर्टिंग प्रारूप प्रशिक्षण के समय संस्था द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा।
अपर जिलाधिकारी ने शिक्षकों से कहा कि महत्वाकांक्षी जनपद में शिक्षा क्षेत्र में बहुत कार्य करने की जरूरत है। अपने विद्यालय के बच्चों को इस टैबलेट के माध्यम से शिक्षा प्रदान करना सुनिश्चित करें। उन्हें भी इसे प्रयोग करना सिखाएं। वितरण के बाद टैबलेट में स्थापित अध्ययन सामग्री के प्रयोग करने के तरीके का प्रशिक्षण हसले़फ्रे फाउंडेशन के राज्य समन्वयक अनिरूद्ध कुमार त्रिवेदी ने दिया। इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी राबर्ट्सगंज रमाकांत सरोज, जिला समन्वयक ज्योत प्रकाश, नीति आयोग पार्टनर पिरामल फाउंडेशन (शिक्षा) प्रोग्राम मैनेजर सुहैल अंसारी, योगेन्द्र चौबे, सौम्या सिन्हा आदि मौजूद थे।