साधु बना बेटा एक लाख रुपये व बाइक लेकर फरार
खुशियों से भरे एक परिवार का 16 वर्षीय पुत्र ¨पटू करीब आठ साल पहले अचानक सन्यास ले लेता है। मां-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी से भरे पूरे परिवार को छोड़कर वह सन्यासी का वेश धारण कर लिया। घर से इतनी दूर चला जाता है कि लोग उसे खोज भी नहीं पाते। ..लेकिन आठ साल बाद अचानक आए ¨पटू ने दो दिन घर रहने के बाद अपने चचेरे भाई की बाइक और एक लाख रुपये लेकर फरार हो गया।
जासं, सोनभद्र : खुशियों से भरे एक परिवार का 16 वर्षीय पुत्र ¨पटू करीब आठ साल पहले अचानक साधु बन गया। माता-पिता, भाई-बहन, दादा-दादी से भरे पूरे परिवार को छोड़कर वह वह घर से इतनी दूर चला गया कि लोग उसे खोज भी नहीं पाए। आठ साल बाद दो दिन पहले अचानक ¨पटू के गांव में पहुंचने की खबर से सभी को आश्चर्य तो हुआ लेकिन परिजनों के पैरों तले की जमीन तब खिसक गई जब यह पता चला कि युवक एक लाख रुपये व बाइक सहित फरार हो गया।
यह घटना है राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के बिच्छी गांव की। यहां बुधवार को अचानक दो साधु गांव में आए। दो दिनों से वे गांव में गीत गाते और भीक्षा मांग रहे थे। इसी बीच गांव के कुछ लोग उनमें से एक की पहचान ¨पटू के रूप कर ली।
जब इसकी खबर परिजनों तक पहुंची तो सभी के भीतर खोए बालक को पाकर खुशी का ठिकाना न रहा। यह प्यार साधु ¨पटू को भी घरवालों के साथ रहने के लिए बाध्य कर दिया। हालांकि तभी उसके साथी साधु बाबा कहते हैं ठहरो..। तुम एक साधु हो। तुम्हारा कहीं घर नहीं। पर जब वह घर रहने की जिद करता है तो साथी साधु यानि ¨पटू के गुरु उसे अकेले में बुलाकर बात करते हैं। फिर ¨पटू अपने परिवार के बीच जाता है और साथी साधु लोगों को भोजन कराने और स्वयं के घर में रहने का प्रस्ताव देता है। इस बात पर परिवार के लोग ¨पटू को पाने के लिए भोजन कराने व अन्य कार्यों के लिए एक लाख रुपये देते हैं। फिर ¨पटू के गुरुजी चले जाते हैं। ¨पटू घर-परिवार के बीच रह जाता है। बेटे के आने की खुशी में कथा कराई जाती है। साधु का वेश छोड़कर सामान्य कपड़े में ¨पटू हो जाता है लेकिन शनिवार को वह अपने चचेरे भाई शेरा मौर्या की बाइक लेता है और फरार हो जाता है। शेरा के मुताबिक इसकी सूचना पुलिस को दे दी गई है। आस-पास भी कराया गया लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। उसके पिता जी नहीं है इस लिए परिवार के सभी लोगों ने मिलकर एक लाख रुपये दिया।