सोनभद्र नरसंहार : भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर पहुंचे उभ्भा गांव, पीडि़त परिवारों से मिले
आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर बगैर किसी पूर्व सूचना के अपने कार्यकर्ताओं के साथ पांच-छह गाडिय़ों के काफिला के साथ सोनभद्र के उभ्भा गांव पहुंच गए।
सोनभद्र, जेएनएन। जमीन के विवाद में सोनभद्र में बीते बुधवार को खूनी संघर्ष में दस लोगों की मौत के बाद अब उभ्भा गांव में नेताओं की आमद जारी है। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बाद सीएम योगी योगी आदित्यनाथ और फिर सपा तथा बसपा के नेताओं के बाद मंगलवार को भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर उभ्भा गांव पहुंचे। छह-सात गाडिय़ों के काफिला से साथ पहुंचे चंद्रशेखर के आगमन की भनक किसी को भी नहीं लगी।
सोनभद्र के उभ्भा गांव में 17 जुलाई को हुए नरसंहार में मारे गए लोगों के परिवार के लोगों से मिलने मंगलवार भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर बगैर किसी पूर्व सूचना के अपने कार्यकर्ताओं के साथ पांच-छह गाडिय़ों के काफिला के साथ पहुंच गए। पुलिस ने तो उनको गांव जाने वाले मोड़ पर रोक दिया, जिसके बाद वहां काफी देर तक वहां विवाद की स्थिति बनी रही। आला अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मात्र कुछ ही लोगों के साथ ही उन्हें गांव में जाने दिया गया। इस दौरान उन्होंने पीडि़त के परिजनों से मिलकर घटना की जानकारी ली व घटना पर दुख व्यक्त करते हुए इसे प्रशासन की लापरवाही बताया।
अचानक दौरे पर आने के कारण पर चंद्रशेखर ने ने कहा कि वह तो बाइक से उम्भा गांव पहुंचे। अगर मैं अपने आने की सूचना दे देता तो जिला प्रशासन इसकी इजाजत नहीं देता। मैं तो अपने लोगों से मिलने आया हूं। यह बात गलत है कि दोनों पक्षों के तरफ से गोली चलाई गई। गलत खबर फैलाई जा रही है। यहां तो सीधा-सीधा ग्रामीणों पर हमला हुआ है।
सोनभद्र के उभ्भा गांव में राजनीति जारी है। भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर बिना किसी सूचना के उभ्भा गांव पहुंच गए। उन्होंने नरसंहार में मारे गए और घायलों के परिवार के लोगों से भेंट की। इसके बाद गांव का दौरा भी किया।
चंद्रशेखर ने कहा कि गांव में गोंड आदिवासी के लोग आज भी खौफ में हैं। उन्हें काफी धमकियां मिल रही हैं। चंद्रशेखर ने सरकार से पीडि़तों को सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर जिला प्रशासन सुरक्षा मुहैया नहीं करा सकता तो यहां के ग्रामीणों को हथियार का लाइसेंस दिया जाए।