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सोनभद्र: दहेज हत्या के आरोप में पति- ससुर को उम्रकैद, 2009 में मोटरसाइकिल नहीं मिलने पर जलाकर मारने का था आरोप

सोनभद्र साढ़े 13 वर्ष पूर्व दहेज में मोटरसाइकिल नहीं मिलने पर पन्ना देवी को जलाकर मारने के मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने दोषी पति-ससुर को उम्रकैद व 26- 26 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

By Jagran NewsEdited By: Riya PandeyPublished: Fri, 26 May 2023 09:26 PM (IST)Updated: Fri, 26 May 2023 09:26 PM (IST)
सोनभद्र: दहेज हत्या के आरोप में पति- ससुर को उम्रकैद, 2009 में मोटरसाइकिल नहीं मिलने पर जलाकर मारने का था आरोप
सोनभद्र : साढ़े 13 वर्ष पूर्व दहेज में मोटरसाइकिल नहीं मिलने पर पत्नि को जलाकर मारने में पति-ससुर को उम्रकैद।

संवाद सहयोगी, सोनभद्र : साढ़े 13 वर्ष पूर्व दहेज में मोटरसाइकिल नहीं मिलने पर पन्ना देवी को जलाकर मारने के मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम खलीकुज्जमा की अदालत ने दोषी पति-ससुर को उम्रकैद व 26- 26 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 6-6 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी।

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अभियोजन पक्ष के मुताबिक मांची थाना क्षेत्र के ढोसरा गांव निवासी शंकर यादव ने रायपुर थाने में तहरीर दी थी कि उसने अपनी बेटी पन्ना देवी की शादी जून 2007 में रामानंद यादव निवासी ग्राम डीबा देवरी मय देवरा, थाना रायपुर, जिला सोनभद्र के साथ किया था। शादी में अपनी सामर्थ्य अनुसार उपहार दहेज दिया था। नवंबर 2008 में गौना होने पर बेटी विदा होकर अपनी ससुराल चली गई। जहां पर दहेज में मोटरसाइकिल की मांग को लेकर पति रामानंद यादव, ससुर बचाऊ यादव व देवर शिवानंद यादव द्वारा बेटी पन्ना देवी को प्रताड़ित किया जाने लगा। वह बेटी के ससुराल गया और समझाकर आया। फिर वही स्थिति बनी रही तो वह करीब चार माह बाद बेटी को विदा कराकर अपने घर ले आया। बेटी ने प्रताड़ना व दहेज में मोटरसाइकिल की मांग के बारे में बताया और दोबारा ससुराल जाने से इन्कार कर दिया, लेकिन काफी समझाने के बाद कि आगे चलकर सब ठीक हो जाएगा, बेटी अपनी ससुराल गई। जब मांग पूरी नहीं हुई तो 27 सितंबर 2009 को बेटी पन्ना देवी को जलाकर मार दिया गया।

सूचना मिलने पर जब बेटी के घर गांव के लोगों के साथ पहुंचा तो देखा बेटी की लाश जली हुई पड़ी थी। इस तहरीर पर पति, ससुर व देवर के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना की गई। पुलिस ने न्यायालय में पति रामानंद यादव, ससुर बचाऊ यादव व देवर शिवानंद यादव के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल किया था।

अदालत ने देवर शिवानंद के नाबालिग होने पर उसके मामले को किशोर न्यायालय भेज दिया। सुनवाई के दौरान अदालत ने पति रामानंद यादव व ससुर बचाऊ यादव को दोषी पाया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कुंवर वीर प्रताप सिंह ने बहस की।


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