लूटे गए छह लैपटाप बरामद, तैंतीस हुए गिरफ्तार
रेणुसागर पावर डिविजन में संविदा श्रमिकों के धरने को बल पूर्वक समाप्त कराने के बाद ऊपजे बवाल को लेकर जहां विभिन्न श्रमिक संगठनों में रोष व्याप्त है वहीं प्रशासन द्वारा भी इसे गंभीरता से लिया जा रहा है।
जासं, अनपरा (सोनभद्र) : रेणुसागर पावर डिवीजन में संविदा श्रमिकों के धरने को बलपूर्वक समाप्त कराने के बाद ऊपजे बवाल को लेकर जहां विभिन्न श्रमिक संगठनों में रोष व्याप्त है वहीं प्रशासन द्वारा भी इसे गंभीरता से लिया जा रहा है। घटना के बाद इंजीनियर हास्टल एवं विद्युत अनुरक्षण केंद्र से लूटे गए सामान की बरामदगी में पुलिस जुट गई है। मंगलवार तक पुलिस द्वारा छह लैपटाप, एक टीवी, तार, बल्ब आदि इलेक्ट्रानिक सामान बरामद किए जा चुके हैं। अन्य सामानों की बरामदगी के लिए भी पुलिस द्वारा लगातार दबिश दी जा रही है।
सोमवार से रेणुपावर में स्थिति लगभग सामान्य हो चुकी है। बाहर से आई फोर्स वापस जा चुकी है। अनपरा थानाध्यक्ष शैलेन्द्र राय के अनुसार सुरक्षा के ²ष्टिकोण एक कंपनी पीएसी अभी भी तैनात है। बवाल के आरोपियों की धरपकड़ के लिए कार्रवाई की जा रही है। कुछ लोगों को हिरासत में भी लेकर पूछताछ की जा रही है। अभी तक इस मामले में कुल 33 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। प्रशासन द्वारा 61 आरोपियों को जहां नामजद किया गया है वहीं लगभग 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। आगजनी व लूटपाट के संबंध में रेणुपावर प्रबंधन का कहना है कि अभी इस घटना में हुई क्षति का आकलन किया जा रहा है। विभिन्न संगठनों ने की निन्दा
भारतीय मजदूर संघ के जिलामंत्री आरपी पांडेय ने कहा कि अराजक तत्वों की आड़ में निर्दोष कर्मचारियों व स्थानीय ग्रामीणों का उत्पीड़न पर तत्काल रोक लगाई जाए। प्रबंधन के इशारे पर कर्मचारियों को फर्जी मुकदमे में फंसाया जा रहा है। उत्पीड़न पर रोक नहीं लगी तो अन्य यूनियनें भी आंदोलन के लिए बाध्य होंगी। जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव अविनाश पांडेय ने रेणुसागर की घटना पर ¨चता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किए गए संशोधनों की वजह से श्रमिक वर्ग ठगा सा महसूस कर रहा है। मजदूरों की एकता के आगे किसी भी परियोजना प्रबंधन को अब झुकना पड़ेगा। ठेका मजदूर यूनियन के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र पाल ने कहा कि जो मुद्दे वार्ता के दौरान हल हो सकते थे उसे भयानक मोड़ पर पहुंचा दिया गया। सीटू के अवधराज ¨सह ने कहा कि बीएमएस की अनुभवहीनता, प्रबंधन की अकुशलता व प्रशासन की जल्दबाजी ने स्थिति को भयावह बना दिया।