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सत्संग भवन में बड़े आयोजन पर ही होती है सुरक्षा व्यवस्था

सूबे के अंतिम छोर पर स्थित सोनभद्र में भी संत निरंकारी मंडल के हजारों कार्यकर्ता है। इनमें से हजारों की संख्या में प्रत्येक रविवार को एक साथ एकत्रित होते हैं। जगह होती है राब‌र्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के कैथी के पास बने सत्संग भवन में। यहां दोपहर के समय सत्संग होता है। बावजूद इसके सुरक्षा के कोई खास इंतजाम नहीं है। भवन के सुरक्षा की कमान महज एक सेवादार के जिम्मे होती है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 09:37 PM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 09:37 PM (IST)
सत्संग भवन में बड़े आयोजन पर ही होती है सुरक्षा व्यवस्था

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : सूबे के अंतिम छोर पर स्थित सोनभद्र में भी संत निरंकारी मंडल के हजारों कार्यकर्ता हैं। इनमें से सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता प्रत्येक रविवार को एक साथ एकत्रित होते हैं। जगह होती है राब‌र्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के कैथी के पास बने सत्संग भवन में। यहां दोपहर के समय सत्संग होता है। बावजूद इसके यहां सुरक्षा का कोई खास इंतजाम नहीं रहता है। भवन के सुरक्षा की कमान महज एक सेवादार के जिम्मे होती है।

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अमृतसर के राजासांसी के गांव अदलीवाल के निरंकारी भवन में बम धमाके की बड़ी घटना के बाद जब जागरण ने रविवार को कैथी स्थित सत्संग भवन की पड़ताल की तो पता चला कि यहां भी सुरक्षा की कोई खास व्यवस्था नहीं है। करीब 16 बिस्वा में बने संत निरंकारी मंडल के इस सत्संग भवन में चार कमरे हैं। सत्संग के लिए एक बड़ा हाल भी बनाया गया है। इसके अलावा पुरुषों के लिए अलग और महिलाओं के लिए अलग शौचालय, स्नानागार बने हैं। यहां दो-चार दिन तक लोगों के रूकने का भी इंतजाम है। रविवार को होने वाले सत्संग में पांच सौ से एक हजार की भीड़ जुटती है। बड़े आयोजन होने पर यह संख्या बढ़ जाती है। उस समय यहां के लोग प्रशासन से अनुमति लेते हैं। मांग करते हैं तो पुलिस पहुंचती है। कैसे मिलती है आश्रम है इंट्री

संत निरंकारी मंडल के आश्रम में प्रवेश पाने के लिए कोई बड़ी शर्त नहीं है। यहां के लोगों की मानें तो जब भी कोई बाहर का व्यक्ति यहां आता है तो आधार कार्ड आदि से उसकी पहचान की जाती है। अपने हिसाब से पता कराया जाता है कि वह व्यक्ति किस काम से आया है, क्यों रूकना चाहता है। वह अगर निरंकारी मंडल से जुड़ा है तो रूकना ज्यादा आसान होता है। यहां की प्रमुख मीरा ¨सह बताती हैं कि अधिक भीड़ होने पर पुलिस भी बुलाई जाती है। अमृतसर की घटना दुखद

सत्संग भवन की प्रमुख मीरा ¨सह ने अमृतसर की घटना को दुखद बताया। कहा कि इतर की घटना ¨नदनीय है। इस पर दोषियों पर कार्रवाई होनी चाहिए।


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