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मौसम की मार, बच्चे व बुजुर्ग हो रहे बीमार

मौसम के बदले मिजाज के साथ ही कई बीमारियों ने एक साथ दस्तक दे दी है। वायरल फीवर के मरीजों से अस्पताल पटा पड़ा है, तो दूसरी ओर कोल्ड डायरिया बच्चों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। अनपरा परियोजना चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डा. प्रेम सागर ने बताया कि मौसम के बदलने के कारण वायरल फीवर होता है.

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Sep 2018 06:00 PM (IST)Updated: Fri, 14 Sep 2018 06:00 PM (IST)
मौसम की मार, बच्चे व बुजुर्ग हो रहे बीमार
मौसम की मार, बच्चे व बुजुर्ग हो रहे बीमार

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जागरण संवाददाता, अनपरा (सोनभद्र) : मौसम के बदले मिजाज के साथ ही कई बीमारियों ने एक साथ दस्तक दे दी है। वायरल फीवर के मरीजों से अस्पताल पटा पड़ा है, तो दूसरी ओर कोल्ड डायरिया बच्चों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है। अनपरा परियोजना चिकित्सालय के बालरोग विशेषज्ञ डा. प्रेम सागर ने बताया कि मौसम के बदलने के कारण वायरल फीवर होता है. जब भी मौसम बदलता है तो तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाता है। वैसे तो यह सामान्य फीवर की तरह ही होता है, लेकिन इसे नजरअंदाज करने से शरीर में वायरस पनपने लगते हैं। बगैर डाक्टर के न लें दवा

लोग अपने मन से एंटीबायोटिक व पेनकिलर दवाएं ले लेते हैं, लेकिन बिना डाक्टर के परामर्श के दवा लेने से परहेज करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वायरल फीवर के शुरुआती लक्षणों में थकान, गले में दर्द, खांसी, जलन व फीवर होता है। शुरू में लोग इसे नजरअंदाज कर देते हैं, जैसे ही ये लक्षण दिखें तो पीड़ित को तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। मौसम बदल रहा है। कभी तापमान कम हो जा रहा है तो कभी अचानक से तापमान में बढ़ोतरी हो जा रहा है। ऐसे बदलते मौसम में लोगों के बीमार होने के मामले भी अधिक हो गये है। ओपीडी में आने वाले अधिकांश मरीजों में से सर्दी खांसी, बुखार के पीड़ित हैं। खासकर बच्चों व बुजुर्गों में बदलते मौसम को लेकर अधिक सावधानी बरते जाने की जरूरत है। मच्छरदानी व फेशियल मास्क का करें उपयोग

बदलते मौसम के साथ ही वातावरण में पर्व के तुरंत बाद प्रदूषण भी अधिक फैल जाता है। इससे लोगों को कई बीमारी से दो-चार होना पड़ता है। ऐसे में लोगों को फेशियल मास्क, मास्क्यूटो रिपेलेंट व मास्क्यूटो नेट का उपयोग करना चाहिए, ताकि मौसम में बदलाव के साथ वायरल इंफेक्शन से बचा जा सके। लोग, सर्दी, खांसी, इंफ्लुऐंजा, डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारी के भी शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा मच्छरों का प्रकोप भी इस मौसम में ज्यादा होता है।


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