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मजदूरों को बिना हेलमेट कार्य करते देख जताई नाराजगी

अमवार में निर्माणाधीन कनहर सिचाई परियोजना पर रविवार को दोपहर बाद अचानक उपजिलाधिकारी सुशील कुमार यादव धमक पड़े।

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 08:28 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 10:03 PM (IST)
मजदूरों को बिना हेलमेट कार्य करते देख जताई नाराजगी
मजदूरों को बिना हेलमेट कार्य करते देख जताई नाराजगी

जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : अमवार में निर्माणाधीन कनहर सिचाई परियोजना पर रविवार को दोपहर बाद दुद्धी उपजिलाधिकारी पहुंचे। यहां कार्यों की जानकारी ली और मुख्य बांध के दाहिने ओर रॉक फिल के कार्यों का भी जायजा लिया। लौटते वक्त ऊंचे बांध पर बिना हेलमेट एवं बेल्ट लगाए कार्य कर रहे मजदूरों को देख नाराजगी जताई। एसडीएम ने परियोजना के अधिशासी अभियंता एवं कार्यदायी संस्था के जीएम से कार्य स्थल पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दिया।

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कनहर सिचाई परियोजना के मुख्य बांध दाहिनी रॉकफिल का कार्य अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। निर्माण कार्य की वास्तविक स्थिति एवं विस्थापन संबंधी कार्यों की जानकारी लेने के लिए एसडीएम सुशील कुमार यादव दोपहर करीब डेढ़ बजे परियोजना स्थल पर अचानक पहुंचे। वहां मौजूद मिले अधिशासी अभियंता विनय कुमार समेत अन्य लोगों से निर्माण कार्यों के प्रगति आदि की जानकारी ली। मिट्टी बांध को स्पिलवे से जोड़ने वाले रॉक फिल की विस्तृत जानकारी इंजीनियरों ने दी। जीएम संजीव कुमार ने बताया कि मुख्य बांध में लगने वाले सभी लोहे के गेटों को तैयार किया जा चुका है। मार्च बाद उसे लगाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। करीब घंटे भर के निरीक्षण के बाद वे वापस तहसील मुख्यालय लौट आये।

भू वैज्ञानिक कर रहे रॉक फिल में प्रयुक्त सामग्रियों के मानक की जांच

केन्द्रीय मृदा अनुसंधान शाला नई दिल्ली से दो सदस्यीय भू वैज्ञानिकों का दल बांध में प्रयुक्त होने वाली कंक्रीट, पत्थर, मिट्टी की गुणवत्ता की जांच के लिए यहां शनिवार की शाम पहुंचा। रविवार को वे मुख्य बांध, रॉक फिल एवं मिट्टी बांध में प्रयुक्त सामग्रियों का नमूना लिया। वैज्ञानिक संदीप धनोते एवं उदयभान चक्रवती ने बताया कि अब तक लिए गये नमूने का जांच सकारात्मक मिली है। कुछ नमूनों को लेकर वे दिल्ली जाएंगे। अधिशासी अभियंता विनय कुमार ने बताया कि दो माह में देश के विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों से वैज्ञानिकों को बुलाकर बांध निर्माण में प्रयुक्त होने वाली सामग्रियों की जांच कराई जाती है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर भी स्थापित लैब से प्रतिदिन क्वालिटी की जांच करने के बाद ही कंक्रीट आदि का प्रयोग निर्माण में किया जाता है।


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