कचरे से पटा रिहंद डैम की होगी जांच
देश के 15 सबसे बड़े जलाशयों में शामिल गोविद बल्लभ पंत सागर यानी रिहंद बांध में आस-पास की औद्योगिक कंपनियों से निकलने वाले कचरे जाने से पटता जा रहा है। इसपर एनजीटी ने संज्ञान लिया है। एनजीटी ने सिचाई विभाग को यह निर्देश दिया है कि बांध की तलहटी में कितना सिल्ट जमा है इसकी जांच की जाए। पहले तलहटी कितनी थी और अब कितनी है। उसी आधार पर जमे सिल्ट को निकालने की योजना बनायी जाए। इस कड़ी में सिचाई विभाग जरूरी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : देश के 15 सबसे बड़े जलाशयों में शामिल गोविद बल्लभ पंत सागर यानी रिहंद बांध में आस-पास की औद्योगिक कंपनियों से निकलने वाले कचरे जाने से पटता जा रहा है। इसपर एनजीटी ने संज्ञान लिया है। एनजीटी ने सिचाई विभाग को यह निर्देश दिया है कि बांध की तलहटी में कितना सिल्ट जमा है, इसकी जांच की जाए। पहले तलहटी कितनी थी और अब कितनी है। उसी आधार पर जमे सिल्ट को निकालने की योजना बनायी जाए। इस कड़ी में सिचाई विभाग जरूरी प्रक्रिया शुरू कर दी है।
करीब 180 वर्गमील के रिहंद जलाशय की सीमाएं यूपी के साथ ही मध्य प्रदेश से भी सटी हैं। इस बांध के आस-पास कई औद्योगिक कंपनियां हैं। सूत्रों की मानें तो इन कंपनियों से निकलने वाला कचरा गत कई वर्षों से रिहंद जलाशय में पहुंचता रहा है। ऐसे में यह शिकायत आने लगी कि कंपनियों से निकलने वाला कचरा रिहंद डैम में जाने से पानी दूषित हो रहा है। इसके साथ ही इसकी तलहटी में ये कचरा जमा हो रहा है। अगर यहीं स्थिति रही तो बांध की गहराई कम हो जाएगी और जलाशय की पानी धारण क्षमता कम हो जाएगी। इसको लेकर एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) में चायिका दायर की गई। उसकी सुनवाई करते हुए एनजीटी ने इस मामले के सर्वे के लिए टीम गठित किया। उस टीम ने जब रिपोर्ट दिया तो तलहटी में जमे कचरे की जांच कराने की सिफारिश की गई। ऐसे में एनजीटी ने जांच की जिम्मेदारी सिचाई विभाग रिहंद को दी। यह कहा गया कि वास्तव में बांध की तलहटी में कितना कचरा है, इसकी रिपोर्ट बनायी जाए। उस आदेश के क्रम में रिहंद प्रशासन ने सीडब्ल्यूसी(केंद्रीय जल आयोग) को पत्र लिखकर जरूरी बजट आदि मुहैया कराने का अनुरोध किया है। उम्मीद है कि जल्द ही इसकी जांच भी शुरू हो जाएगी। बोले अधिकारी..
प्रदूषण पर प्रभावी अंकुश लगाने और रिहंद बांध की तलहटी में कितना कचरा जमा है इसकी जांच के लिए भी एनजीटी की तरफ से जरूरी निर्देश दिए गए हैं।
- इं. राधेश्याम, क्षेत्रीय अधिकारी- प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड,सोनभद्र।
.......... आस-पास की कंपनियों का कचरा जाने से रिहंद जलाशय की तलहटी में कितना सिल्ट जमा हुआ इसका सर्वे करना है। इसके लिए एनजीटी से निर्देश प्राप्त हुए हैं। इस क्रम में जरूरी कार्यवाही के लिए और जांच कराने के लिए सीडब्ल्यूडी दिल्ली को पत्र भेजा गया है।
- इं. पीपी शुक्ला, एक्सईएन, सिचाई विभाग, रिहंद।