मंत्रीजी ! संकट में हैं सोनांचल के अन्नदाता
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : केंद्र व प्रदेश की सरकार द्वारा किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : केंद्र व प्रदेश की सरकार द्वारा किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन योजनाओं का क्रियान्वयन ठीक से न होने और जिले में ¨सचाई की उचित व्यवस्था न होने के कारण आदिवासी बहुल जनपद सोनभद्र के अन्नदाता संकट में हैं। गुरुवार को जिले में आने वाली केंद्रीय राज्य मंत्री से यहां के किसानों को ढेर सारी उम्मीदें हैं। उन्हें उम्मीद है कि अच्छी सौगात मिलेगी और उनकी समस्याओं का समाधान होगा।
छह लाख 81 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल वाले जनपद में करीब एक लाख 93 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल कृषि योग्य है, लेकिन यहां की करीब 30 फीसद खेती हर साल पानी के अभाव में प्रभावित हो जाती है। इतना ही नहीं, अगर बारिश न हो या कम हो तो यहां कि संपूर्ण खेती ही प्रभावित हो जाती है। इसकी मुख्य वजह ¨सचाई की पर्याप्त सुविधा न होना है। इतना ही नहीं, यहां किसानों की उपज बेचने के लिए भी पर्याप्त साधन नहीं है। नगवां ब्लाक में कोई ऐसी परियोजना नहीं है जिससे किसान अपनी खेती बेहतर ढंग से कर सके। जिले की महत्वपूर्ण ¨सचाई परियोजनाओं में सोन पंप योजना है। यहां कुल छह पंप लगे हैं लेकिन चालू हालत में महज दो ही हैं। किसानों द्वारा दबाव बनाए जाने पर तीन चलाए जाते हैं। अगर सभी पंप नियमित रूप से चलाए जाएं तो किसानों की समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है। इसके साथ ही सबसे महत्वपूर्ण परियोजना कनहर का निर्माण जितना जल्द हो सके, उतनी जल्दी कराया जाना चाहिए।
ये हैं बड़ी समस्याएं
-जिले में ¨सचाई की नहीं है पर्याप्त व्यवस्था।
-किसानों के लिए 24 घंटे बिजली की व्यवस्था नहीं।
-सोनपंप कैनाल का कायदे से संचालन न होना।
-उपज बेचने के लिए उचित व्यवस्था नहीं।
- आलू व टमाटर आदि को रखने के लिए स्टोर की व्यवस्था नहीं।