शिक्षकों पर बाल गणना की जिम्मेदारी से आक्रोश
जागरण संवाददाता सोनभद्र जैसे-जैसे कोरोना संक्रमितों की तादाद बढ़ रही परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के कार्य में भी इजाफा होता जा रहा है। एक जुलाई को स्कूल खुलने से पहले ग्राम पंचायतों में प्रवासी श्रमिकों की तलाश व मिड-डे-मील के लिए अभिभावकों न बच्चों के बैंक खाता समेत अन्य ब्यौरा जुटाने में पसीना बहाने वाले शिक्षकों को अब बाल गणना के कार्य में झोंक दिया गया है। इससे शिक्षकों में दहशत है और बाल गणना के कार्य को स्थगित किए जाने की मांग कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : जैसे-जैसे कोरोना संक्रमितों की तादाद बढ़ रही परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों के कार्य में भी इजाफा होता जा रहा है। एक जुलाई को स्कूल खुलने से पहले ग्राम पंचायतों में प्रवासी श्रमिकों की तलाश व मिड-डे-मील के लिए अभिभावकों न बच्चों के बैंक खाता समेत अन्य ब्यौरा जुटाने में पसीना बहाने वाले शिक्षकों को अब बाल गणना के कार्य में झोंक दिया गया है। इससे शिक्षकों में दहशत है और बाल गणना के कार्य को स्थगित किए जाने की मांग कर रहे हैं।
विशेष ट्रेनों व बसों से प्रवासी श्रमिकों को उनके मूल निवास भेजा गया। जिले में भी 22 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक आए। इस दौरान शिक्षकों की प्रवासी श्रमिकों की खोज करने में ड्यूटी लगा दी गई। कोरोना के भय के बीच शिक्षकों ने अपने-अपने कार्य स्थल के ग्राम पंचायतों में डोर-टू-डोर जाकर प्रवासी श्रमिकों का ब्योरा, जैसे नाम, पिता का नाम, पता, आयु, बैंक खाता संख्या व आइएफएससी कोड जुटाकर तय प्रोफार्मा पर जमा किया। एक जून से अनलॉक एक शुरू हुआ तो सरकार ने निर्णय लिया कि विद्यालयों में मिड-डे-मील का संचालन फिलहाल नहीं हो। इसके लिए अभिभावकों के बैंक खाते में धन भेजा जाएगा। फिर क्या था, शिक्षकों को इसका ब्योरा जुटाने के लिए झोंक दिया गया। कोरोना वायरस को लेकर दहशत जदा शिक्षक फिर घरों से बाहर निकले और तमाम जानकारी संकलन कर तय प्रोफार्मा पर 30 जून के अंदर भेज दिए। एक जुलाई से विद्यालय खोल दिया गया और निर्देशित किया गया कि बच्चे स्कूल नहीं जाएंगे। इसी बीच शिक्षकों को बाल गणना में लगा दिया गया। इसमें शिक्षकों को छह से 14 वर्ष के बच्चों की गणना करनी है।
प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष अशोक सिंह का कहना है कि कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसे देखते हुए शिक्षकों को ऐसे कार्य में न लगाया जाए, जहां खतरा ज्यादा हो। बालगणना के कार्य को फिलहाल स्थगित कर देना चाहिए। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. गोरखनाथ पटेल ने कहा कि बाल गणना का कोई आदेश नहीं दिया गया है। शिक्षकों को नामांकित बच्चों के अभिभावकों को स्कूल बुलाकर सारी जानकारी लेने का निर्देश दिया गया है।