तय समय में कनहर परियोजना के पूरा होने पर संशय
आर्थिक रूप से संपन्न निर्माणाधीन कनहर ¨सचाई परियोजना को तय समय सीमा (दिसंबर 2020) में पूरा होने को लेकर लोगों में संशय देखने को मिल रहा है।
जासं, दुद्धी (सोनभद्र) : अमवार में निर्माणाधीन कनहर ¨सचाई परियोजना के तय समय सीमा (दिसंबर 2020) तक पूरा होने को लेकर लोगों में संशय देखने को मिल रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण निर्माण कार्य की प्रगति को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। क्षेत्रवासियों को ¨सचाई मंत्री के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के साथ ही परियोजना का कार्यभार ग्रहण करने वाले नये मुख्य अभियंता से अपेक्षाएं बंधी हुई हैं।
उत्तर प्रदेश, झारखंड व छत्तीसगढ़ के सीमा पर दुद्धी तहसील क्षेत्र के अमवार में विकास क्रांति की धूरी के रूप में कनहर-पांगन के संगम तट 2232 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन कनहर ¨सचाई परियोजना को राज्य सरकार द्वारा मांग के सापेक्ष बजट तो भरपूर मिल रहा है किंतु निर्माण कार्य की प्रगति से महकमे के साथ प्रशासनिक अमला नाखुश दिख रहा है। विभागीय एवं प्रशासकीय अधिकारियों में आपसी तालमेल न होने का भी बुरा प्रभाव निर्माण कार्य पर पड़ रहा है। कार्य की प्रगति को लेकर भी लोग संशकित हो रहे हैं। बीते एवं चालू वित्तीय वर्ष में परियोजना की प्रगति रिपोर्ट इसकी जमीनी हकीकत को बयां कर रही है। इसको लेकर गत माह परियोजना का दौरा करने वाले मुख्य अभियंता ने इससे नाखुश होकर परियोजना के तत्कालीन मुख्य अभियंता समेत कई को जमकर फटकार लगाई थी। इसके कुछ ही दिन बाद परियोजना के मुख्य अभियंता के सेवानिवृत्ति के बाद अब उनके स्थान पर कार्यभार ग्रहण करने वाले अभियंता से लोगों को काफी उम्मीद बंधी है। परियोजना से जुड़े सूत्रों की मानें तो गत बीस माह में मुख्य बांध की प्रगति महज 10-12 फीसद रही है। खर्च हो चुके पंद्रह सौ करोड़
कनहर परियोजना की प्रस्तावित लागत 2232 करोड़ रुपये के सापेक्ष अब तक कुल 1529 करोड़ रुपया खर्च हो चुका है। सूत्रों का कहना है कि इसमें से विस्थापितों पर 116.40 करोड़ खर्च हुआ है। शेष निर्माण कार्य पर खर्च हुआ है।