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बिजली की मांग फिर 20 हजार मेगावाट के पार

बीते 24 घंटे के दौरान बिजली की प्रतिबंधित मांग ने पुन 20 हजार मेगावाट के आकड़े को पार कर लिया है।बिजली की बढ़ी मांग के बीच चालू सप्ताह में उत्पादन निगम और निजी बिजलीघरों की कई इकाइयों की खराबी के कारण लगभग दो हजार मेगावाट की हुयी कमी के कारण आपूर्ति शेड्यूल प्रभावित हुआ है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 07:33 PM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 07:33 PM (IST)
बिजली की मांग फिर 20 हजार मेगावाट के पार
बिजली की मांग फिर 20 हजार मेगावाट के पार

जासं, ओबरा (सोनभद्र) : गत 24 घंटे के दौरान बिजली की प्रतिबंधित मांग ने पुन: 20 हजार मेगावाट के आंकड़े को पार कर लिया। बिजली की बढ़ी मांग के बीच चालू सप्ताह में उत्पादन निगम और निजी बिजली घरों की कई इकाइयों की खराबी के कारण लगभग दो हजार मेगावाट की हुई कमी के कारण आपूर्ति शेड्यूल प्रभावित हुआ है। बीते पीक आवर के दौरान बिजली की मांग 20401 मेगावाट के करीब रही। इस मांग के सापेक्ष उपलब्धता में लगभग डेढ़ हजार मेगावाट की कमी रही। गत एक सप्ताह में ओबरा की 200 मेगावाट की एक, हरदुआगंज की 105 मेगावाट की एक, पारीछा की 210 मेगावाट की एक, मेजा की 660 मेगावाट की एक, बजाज ललितपुर की 660 मेगावाट की एक, टांडा की 110 मेगावाट की एक तथा रोसा की 300 मेगावाट की एक इकाई तकनीकि दिक्कतों के कारण बंद रही। इस कारण बिजली आपूर्ति में कमी देखने को मिली। बजाज ललितपुर, टांडा और रोजा की इकाइयों को चालू कर दिया गया था। इस कारण बिजली की किल्लत में काफी कमी आई है। हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद ग्रामीण अंचलों में आपूर्ति के घंटे पुन: कम कर दिए गये हैं। उत्पादन निगम की चालू इकाइयों से 3486 मेगावाट तथा निजी बिजली घरों से 6426 मेगावाट के करीब उत्पादन हो रहा था। उधर लगातार 12 वें दिन रिहंद का जलस्तर 838.9 फीट पर स्थिर रखा गया जिसके कारण रिहंद और ओबरा जलविद्युत घरों से उत्पादन ठप स्थिति में रहा।   

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