दो दिनों से ठप है धान खरीद
जागरण संवाददाता सोनभद्र शुक्रवार को बरसात व शनिवार को बोरा के मामले को लेकर राजकीय धान खरीद के कर्मियों की हड़ताल से धान खरीद दो दिनों से ठप है। राज्य सरकार के क्रय केंद्रों पर किसान बेहाल हैं। रात में ठिठुर के धान की रखवाली करने वाले किसान यह कहने से गुरेज नहीं कर रहे कि अफसर मस्त हैं और किसान पस्त हो गया है। किसानों में जबरदस्त
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : शुक्रवार को बरसात व शनिवार को बोरे के मामले को लेकर राजकीय धान खरीद के कर्मियों की हड़ताल से धान खरीद दो दिनों से ठप है। राज्य सरकार के क्रय केंद्रों पर किसान बेहाल हैं। रात में ठिठुर के धान की रखवाली करने वाले किसान यह कहने से गुरेज नहीं कर रहे कि अफसर मस्त हैं और किसान पस्त हो गया है।
राजकीय धान खरीद केंद्रों पर बोरा का टोटा हो गया है। बोरा की कमी को दूर करने के लिए अधिकारियों ने मिल से बोरा लेने का फरमान कर्मियों को दिया है। कर्मी ही नहीं किसान भी इसे तुगलकी फरमान मान रहे हैं। बोरा न होने से धान खरीद की धीमी गति किसानों पर भारी पड़ने लगी है। भारी इसलिए भी साबित हो रही है कि मौसम ने करवट ले लिया है। बरसात के कारण शुक्रवार को राजकीय खरीद केंद्रों पर धान की खरीद नहीं हुई। किसानों ने सोचा एक दिन में क्या जाता है। शनिवार को धान की खरीद हो ही जाएगी लेकिन शनिवार को राज्य सरकार के धान खरीद का ताला ही नहीं खुला। किसानों को काफी देर बाद ज्ञात हुआ कि धान खरीद से जुड़े कर्मचारी बोरा प्रकरण को लेकर खरीद ठप कर दिए हैं। इससे किसानों का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया। किसानों का कहना है कि देश का पेट भरने वाले हम किसानों को सभी भरमा रहे हैं। खरीद केंद्रों पर किसानों को कोई सुविधा नहीं मिल रही है। ठंड बढ़ने के बावजूद अलाव का भी इंतजाम नहीं किया गया है।
धान पर मुंह मार रहे मवेशी
राबर्ट्सगंज स्थित मंडी समिति में बनाए गए राजकीय धान खरीद प्रथम व द्वितीय में किसान तीन दिनों से अधिक समय से धान लेकर पड़े हुए हैं। किसानों के धान पर मंडी में घूमने वाले बेसहारा मवेशी मुंह मार रहे हैं। कभी-कभी तो धान से भरा बोरा ही मवेशी खींच ले जा रहे हैं, जिससे किसान काफी परेशान हैं।
- राबर्ट्सगंज मंडी समिति स्थित राजकीय धान खरीद केंद्र पर धान लेकर तीन दिन से हैं। रात में रुकने का कोई इंतजाम नहीं है और न ही अलाव की ही व्यवस्था की गई है। कब खरीद होगी यह तो अधिकारी व कर्मचारी ही बता सकते हैं।
- इंद्रमल, बीडीसी, बघुआरी। -राजकीय धान खरीद से जुड़े कर्मचारी बोरा को लेकर शनिवार से खरीद ठप कर दिए हैं। इसके एक दिन पहले शुक्रवार को बरसात के कारण खरीद नहीं हो सकी थी। दो दिनों से धान की खरीद न होने का खामियाजा हम किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
- बाला प्रकाश, निपराज।
-शुक्रवार को बारिश के कारण धान की खरीद नहीं हो पाई थी। उम्मीद थी कि शनिवार को खरीद होगी लेकिन, तौल करने वाले श्रमिक व कर्मचारी ही हड़ताल पर चले गए। धान खरीद पर अलाव का भी इंतजाम नहीं किया गया है।
- लक्ष्मण सिंह, पंवर।
-मैं पांच दिनों से धान बेचने के लिए मंडी समिति में हूं। यहां न तो किसानों को ठहरने के लिए कोई इंतजाम किया गया है और न ही ठंड से बचाव के लिए अलाव ही जलाया जा रहा है। किसानों की किसी को फिक्र नहीं है। सबकुछ हवा हवाई है।
- तेज बहादुर सिंह, पंवर।