बारिश से धान की फसल चौपट
अक्टूबर माह में बारिश ने किसानों की चिता बढ़ा दी है। तेज हवा के साथ शनिवार को हुई बारिश से धान की फसल बर्बाद हो गई। जिससे किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं। जिला कृषि अधिकारी पियूष राय ने बताया कि पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से सैकड़ों हेक्टेयर धान की फसल बर्बाद हो सकती है। बताया कि
जागरण संवाददाता, सोनभद्र : अक्टूबर माह में बारिश ने किसानों की चिता बढ़ा दी है। तेज हवा के साथ शनिवार को हुई बारिश से धान की फसल बर्बाद हो गई। जिससे किसानों के चेहरे मुरझा गए हैं। जिला कृषि अधिकारी पीयूष राय ने बताया कि पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से सैकड़ों हेक्टेयर धान की फसल बर्बाद हो सकती है। बताया कि अधिकांश धान की फसल पककर तैयार हैं, इस स्थिति में पिछले दो दिनों से हो रही झमाझम बारिश से फसल खेत में गिर जाएंगे और अधिकांश दाने टूटकर बिखर जाएंगे। बताया कि इस बारिश से धान की उपज पर सीधे तौर पर प्रभावित होगा।
वहीं अब तक अच्छी उपज की आस लगाए किसान एकाएक बदले मौसम की मार से बेजार हो गए हैं। बताया कि अगर इसी तरह चलता रहा तो हम लोग कहीं के नहीं रहेंगे। किसान सुरेश, पंकज, राहुल ने बताया कि इस बार धान की फसल अच्छी हुई थी, लेकिन दो दिनों की बारिश से खेत में ही फसल पूरी तरह से लेट गई है। अगर जल्द ही मौसम नहीं खुला तो सबकुछ बर्बाद हो जाएगा। वहीं दूसरी ओर बारिश से तापमान में भी कमी आई है। शनिवार को अधिकतम तापमान 24 डिग्री दर्ज किया गया। अगले माह से कटाई होनी है शुरू
इन दिनों अधिकांश धान की फसल बाली से लदी हुई तैयार है। अगले माह से धान की कटाई शुरू हो जाएगी। बरसात के कारण फसल के नुकसान को देखकर किसानों के चेहरे पर मायूसी छा गई है। किसानों का कहना है कि पानी भरे खेतों में पकने को तैयार धान की फसल गिरने से दाना खराब हो जाता है। इससे किसानों को फसल की लागत का मिलना भी मुश्किल हो गया है। धान की फसल को चौपट कर दिया है। नगर में हर तरफ जल ही जल
शुक्रवार की शाम व शनिवार दोपहर में हुई झमाझम बारिश से नगर पूरी तरह से तालाब बन गया। तमाम कवायदों के बाद भी जल निकासी की व्यवस्था जस की तस बनी हुई है। एकाएक बदले मौसम से आमजन भी हैरान व परेशान दिखे। नगर से गुजरने वाली करीब साढ़े तीन किमी लंबे फ्लाईओवर के सबवे पर पानी भर जाने के कारण आमजन को यात्रा के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ा।