इलेक्ट्रिसिटी एक्ट संशोधन बिल को लेकर नाराजगी
इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में किए जाने वाले संशोधन के विरोध में बिजली कर्मचारियों एवं अभियंताओं ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में किए जाने वाले संशोधन के विरोध में बिजली कर्मचारियों एवं अभियंताओं ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने केंद्रीय विद्युत मंत्री द्वारा संसद के शीतकालीन सत्र में इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 में संशोधन कर नया एक्ट बनाने के लिए बिल लाने के वक्तव्य पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त दी है।
फेडरेशन के केंद्रीय विद्युत मंत्री आरके सिंह ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट में संशोधन की कवायद मुख्यत: बिजली आपूर्ति और वितरण का कार्य अलग कर बिजली आपूर्ति को निजी क्षेत्र को सौंपने की केंद्र सरकार की योजना है, जिसका प्रबल विरोध किया जाएगा। फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट संशोधित करने के किसी भी बिल को लोकसभा में रखे जाने के पहले बिजली कर्मचारियों अभियंताओं और आम उपभोक्ताओं से बात किया जाना जरूरी है। क्योंकि बिजली आपूर्ति के निजीकरण से सबसे अधिक कर्मचारी और उपभोक्ता ही प्रभावित होने वाले हैं। ऊर्जा नीति है जिम्मेदार
शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि सोलर व विड पावर की खरीद के लिए निजी घरानों से ऊंची दरों पर 25 साल के करार किये गए हैं। आज उससे कहीं सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध होने के बावजूद केंद्र सरकार इन करारों की पुनरसमीक्षा नहीं होने दे रही है। कहा कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट मे कोई भी संशोधन किए जाने के पहले जरूरी है कि राज्य बिजली बोर्डों के विघटन के बाद कंपनियां बनाए जाने से बढ़ने वाले घाटे की कार्यप्रणाली की पुन: समीक्षा की जाए।