Move to Jagran APP

आदेश तक सिमटा बालू साइड का संचालन

शासन स्तर पर खनन को लेकर कोई स्पष्ट नीति न होने के कारण आमजन सफर करने को विवश है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 09:46 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 06:12 AM (IST)
आदेश तक सिमटा बालू साइड का संचालन
आदेश तक सिमटा बालू साइड का संचालन

जागरण संवाददाता, सोनभद्र : शासन स्तर पर खनन को लेकर कोई स्पष्ट नीति न होने के कारण आमजन सफर करने को विवश हैं। अस्पष्ट नीतियों के कारण वर्तमान समय में सोनभद्र समेत पूरे पूर्वांचल में लाल बजरी के दाम आसमान छू रहे हैं। पूर्वांचल की मंडियों में लाल बजरी की आपूर्ति सोनभद्र से होती है, यहां पर एनजीटी के आदेश के क्रम में जुलाई से सितंबर तक नदियों से खनन बंद होने से पूर्व चार बालू साइड संचालित थी। लेकिन अक्टूबर से खनन पर रोक हटने के बाद एक भी बालू साइड नहीं चल सकीं। इसके पीछे प्रमुख कारण वन विभाग का अड़ंगा व अन्य तकनीकी समस्या प्रमुख रही है। खनन विभाग के अनुसार तीन बालू साइड जिसमें से खेबंधा की दो व बरहमोरी की एक बालू साइड को वन विभाग की आपत्ति के कारण बंद कर दी गई है, जबकि दुद्धी स्थित बालू साइड पहले से बंद है।

loksabha election banner

दावे बड़े-बड़े, नतीजे सिफर

कहने को समय समय पर शासन स्तर पर धारा चार व 20 को लेकर कई गतिविधियां की गई, लेकिन उसके नतीजे सिफर रहे। अभी करीब डेढ़ माह पहले धारा 20 के प्रकाशन को लेकर खनन निदेशक जनपद दौरे पर आई थीं। इस दौरान उन्होंने तमाम दावा किया था लेकिन, अब उसका परिणाम क्या हुआ यह बताने वाला कोई नहीं। धारा 20 के प्रकाशन एक पखवाड़े में करने का दावा अधिकारियों द्वारा किया गया लेकिन, इसमें अब तक क्या प्रगति है अधिकारी बताने को तैयार नहीं। वन विभाग की अस्पष्ट नीति

जिन तीन बालू साइडों को धारा चार की जमीन बताकर वन विभाग ने बंद किया है, उसी जमीन पर उक्त बालू साइड कई माह संचालित हुए। उस समय वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों को इस बात की भनक नहीं लगी कि जहां पर बालू साइड है वह वन भूमि पर है, फिर ऐसा क्या हुआ कि करीब साल भर तक बालू साइड संचालन के बाद एकाएक उन्हें यह याद आया कि यह धारा चार की जमीन है। सूत्रों के अनुसार इसमें बहुत बड़ा खेल हुआ है जिसकी व्यापक जांच होनी चाहिए। आसमान छू रहे हैं दाम

लगातार बंदी के कारण लाल बजरी के दाम आसमान छू रहे हैं। विधानसभा चुनाव में सत्ता पक्ष के नेताओं द्वारा यह नारा प्रमुखता से उठाया गया था गिट्टी व बालू सस्ता होगा, हर गरीब का घर पक्का होगा.. अब जब न गिट्टी मिल रही है और न बालू ऊपर से इन खनिज पदार्थों के दाम आसमान छू रहे हैं तो यही जनप्रतिनिधि कुछ बोलने से बचते हैं। बालू साइड संचालन पर है जोर

हां, वर्तमान समय में तमाम तकनीकी समस्याओं के कारण एक भी बालू साइड का संचालन नहीं हो रहा है। दुद्धी में जल्द ही एक बालू साइड का संचालन शुरू होगा। इसके लिए सभी जरूरी कागजी कार्रवाई को पूरा कर लिया जाएगा। शेष सभी खदानों के बंद होने की जानकारी शासन को उपलब्ध करा दिया गया है।

- केके राय, वरिष्ठ खान अधिकारी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.