ओबरा व अनपरा के अफसरों पर गिरी गाज
ओबरा तापीय परियोजना में 14 अक्टूबर 201
जागरण संवाददाता, ओबरा (सोनभद्र) : ओबरा तापीय परियोजना में 14 अक्टूबर 2018 को हुए अग्निकांड तथा अनपरा-डी की सातवीं इकाई की बार-बार ट्रिपिग की समस्या को लेकर उत्पादन निगम प्रबंधन ने कई अधिकारियों पर कार्रवाई की है। राज्य विद्युत उत्पादन निगम द्वारा वर्तमान में निदेशक स्तर के अधिकारी, दो सीजीएम सहित लगभग डेढ़ दर्जन अधिकारियों को आर्थिक दंड लगाया है। इसके अलावा अन्य अधिकारियों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। हालांकि मामले में तत्कालीन तौर पर इकाइयों की देखभाल कर रहे बीएचईएल के अधिकारियों पर कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं की गई है। इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं।
शुक्रवार को आए निगम के आदेश में ओबरा परियोजना के ब तापघर की केबिल गैलरी में लगी आग के लिए ओबरा के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक (सेवानिवृत्त) व वर्तमान में उत्पादन निगम के निदेशक (वैयक्तिक एवं प्रशासन) संजय तिवारी की पेंशन में कटौती का आदेश दिया गया है। घटना के समय ओबरा के मुख्य महाप्रबंधक रहे एके सिंह को इन्क्रीमेंट बैक के साथ ही निदा प्रविष्टि दी गई है। घटना के समय ब तापघर के महाप्रबंधक रहे डीके मिश्रा (सेवानिवृत्त) की पेंशन में कटौती की गई है। इसके अलावा अधीक्षण अभियंता (मुख्यालय) सुरेश को भी इन्क्रीमेंट बैक के साथ निदा प्रविष्टि दी गई है। इसके अलावा ओबरा परियोजना के एक अधीक्षण अभियंता, तीन अधिशासी अभियंता एवं तीन सहायक अभियंता आदि पर भी कार्रवाई की आशंका जताई जा रही है। इसी तरह अनपरा-डी की सातवीं इकाई में बार-बार ट्रिपिग को लेकर तत्कालीन महाप्रबंधक सीपी मिश्रा (वर्तमान में ओबरा तापघर के सीजीएम) सहित 12 अधिकारियों के ऊपर भी इन्क्रीमेंट बैक और निदा प्रविष्टि दी गई है। वहीं सातवीं इकाई 22 अगस्त 2017 को 1.33 पर ट्रिप कर गई थी। हालांकि उक्त इकाई को 1.55 बजे पर लाइटअप कर लिया गया था लेकिन इस दौरान काफी नुकसान हुआ था। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनपरा-डी का दौरा कर बार-बार ट्रिपिग पर नाराजगी व्यक्त की थी। साथ ही कहा था कि ट्रिपिग से सस्ती बिजली मिलने में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है। शुक्रवार को हुई कार्रवाई के बाद दोनों परियोजनाओं में हलचल मची हुई है।