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ऊर्जांचल में ओवरलोड वाहनों पर नहीं लग रहा अंकुश

बात चली है तो दूर तक जाएगी। यह बातें इस समय परिवहन विभाग पर सटीक बैठती है। ओवरलोड को लेकर दैनिक जागरण अभियान का असर अब दिखने लगा है लेकिन अभी कुछ ऐसे बिदु है जहां पर परिवहन विभाग की लापरवाही आमजन के लिए मुसीबत बनती जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 09:11 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 06:09 AM (IST)
ऊर्जांचल में ओवरलोड वाहनों पर नहीं लग रहा अंकुश
ऊर्जांचल में ओवरलोड वाहनों पर नहीं लग रहा अंकुश

जासं, अनपरा (सोनभद्र) : बात चली है तो दूर तक जाएगी। यह बातें इस समय परिवहन विभाग पर सटीक बैठती है। ओवरलोड को लेकर दैनिक जागरण के अभियान का असर अब दिखने लगा है, लेकिन अभी कुछ ऐसे बिदु है जहां पर परिवहन विभाग की लापरवाही आमजन के लिए मुसीबत बनती जा रही है।

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यातायात को लेकर जागरूकता अभियान महज स्कूलों तक सिमट कर रह गया है तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। हम बात कर रहे हैं ऊर्जांचल में परिवहन विभाग की उदासीनता के कारण आए दिन बनने वाली जाम की समस्या का। इससे हर दिन लोगों को जाम से दो-चार होना पड़ रहा है। मुख्य मार्ग व पटरी पर कई स्थानों पर ब्रेकडाउन व अनुपयोगी वाहन खड़े रहते है। इसके अलावा ओवरलोड वाहनों की संख्या भी कम होने का नाम नहीं ले रही। यातायात माह के दौरान स्थानीय पुलिस स्कूलों में जाकर छात्रों को महज यातायात का पाठ पढ़ाती वर्षों से चली आ रही है। पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा कभी भी सड़क पर यातायात व्यवस्था को बाधित कर रहे वाहनों के प्रति ठोस कार्रवाई नहीं की जाती है। सड़क पर पुलिस सिर्फ वाहन जांच के नाम पर कुछ समय के लिए कागजातों की जांच कर अपना उल्लू सीधा कर लेती है। वहीं दूसरी ओर छोटे वाहन चालकों के प्रति पुलिस की जांच की नजरिया अलग रहता है। कभी-कभी ही करते हैं दौरा

जिला मुख्यालय से अनपरा की दूरी 85 किमी है। जिसके कारण परिवहन विभाग के अधिकारी ऊर्जांचल की तरफ माह में एक-दो बार ही जाते हैं। जिसका लाभ ओवरलोडिग व अवैध परिवहन करने वाले उठाते हैं। सूत्रों के अनुसार नियमित वसूली के लिए विभागीय लोग कुछ प्राइवेट कर्मचारियों को नियुक्त कर रखे हैं जो इस तरह के वाहनों से संपर्क कर सुविधा शुल्क की वसूली करता है। यही कारण है कि तमाम परियोजना व गाड़ियों के आवागमन के बावजूद परिवहन विभाग के अधिकारी ऊर्जांचल की तरफ कम ही जाते हैं। पटरियों पर खड़े वाहन से समस्या

डिबुलगंज से शक्तिनगर के बीच सड़क व पटरी पर खड़े दर्जनों अनुपयोगी वाहनों के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाता है। ब्रेकडाउन वाहनों को सड़क से हटाने में कोई पहल नहीं की जाती है। अवरुद्ध आवागमन को साफ किया जाता तो चालकों में यह संदेश जरुर जाता कि ऊर्जांचल की पुलिस सक्रिय है। स्कूलों में बच्चों को यातायात का पाठ जरुर पढ़ाया जाए, लेकिन उससे अधिक जरुरी है कि सड़क पर उतर कर यातायात नियमों की अनदेखी करने वालों से सख्ती से निपटा जाए।


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