वनाधिकार कानून की जानकारी
अखिल भारतीय बनवासी कल्याण आश्रम से संबद्ध सेवा समर्पण संस्थान चपकी द्वारा ग्राम पंचायत सतबहनी में वनाधिकार का गोष्ठी का आयोजन किया गया।
जासं,बभनी (सोनभद्र) : अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम से संबद्ध सेवा समर्पण संस्थान चपकी द्वारा ग्राम पंचायत सतबहनी में शनिवार को वनाधिकार कानून पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें वनवासियों व ग्रामीणों को वनाधिकार कानून के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
मुख्य अतिथि अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के हित रक्षा प्रमुख गिरीश कुबेर ने कहा कि सरकार कानून बनाती है जो सबके लिए है। 13 दिसंबर 2005 के पूर्व से जिनका कब्जा है उन्हें वनाधिकार का लाभ मिलेगा। केवल ग्रामीण सही ढंग प्रक्रिया पूरी करें। कहा ग्रामीण लघु वन उपज करके जड़ी-बूटी, हर्रा, बहेरा, सीताफल आदि पौधे लगाकर ग्रामीण लाभ ले सकते हैं। जनजातियों के लिए तो जल, जंगल, जमीन तो भगवान है। वन की रक्षा करते हुए पर्यावरण की रक्षा करना भी आपका ही फर्ज है। वन समिति के अध्यक्ष काशीनाथ ने बताया कि 2008 से लेकर 2018 तक मे छह सौ लोगों ने आवेदन किया लेकिन महज 30 लोगों को वनाधिकार कानून का लाभ देकर बाकी आवेदन खारिज कर दिए गए। भाजपा के मंडल महामंत्री जवाहर जोगी ने कहा कि सैकड़ों वर्षो से जोत कोड़ कर रहे आदिवासियों वनवासियों को वनाधिकार का लाभ नहीं मिला। अंत में उपजिलाधिकारी दुद्धी रामचंद्र यादव ने कहा कि पूर्व में जो भी आवेदन खारिज हो गए हैं वे भी जमा किए जा रहे हैं। अपने दावे 25 नवंबर तक हरहाल में जमा कर दें। सेवा समर्पण संस्थान के प्रांत सह संगठन मंत्री आनंद जी ने कहा कि सतबहनी गांव से आगाज हुआ है। अध्यक्षता खंड प्रमुख अशर्फी ने किया। कार्यक्रम में प्रधान संपतिया देवी, क्षेत्र पंचायत सदस्य ज्ञान ¨सह, डिप्टी रेंजर दीवाकर दुबे, सचिव राम दर्शन यादव आदि मौजूद थे।