नीरज को मिली पांच लाख की सरकारी मदद
विजली के करेंट में बुरी तरह झुलसे बालक नीरज को आखिरकर काफी जद्दोजहद के बाद विभाग की सरकारी मदद मिली। महीनों पूर्व विढमगंज थाना क्षेत्र के ग्राम मेदनीखाड़ उच्च प्राथमिक विद्यालय में गड़े विजली के खंभे हाई वोल्टेज करंट उतरने से वह बुरी तरह झुलस गया था।
जागरण संवाददाता, दुद्धी (सोनभद्र) : विद्युत के करेंट से बुरी तरह झुलसे बालक नीरज को आखिरकर काफी जद्दोजहद के बाद विभाग की सरकारी मदद मिली। महीनों पूर्व विढमगंज थाना क्षेत्र के ग्राम मेदनीखाड़ उच्च प्राथमिक विद्यालय में गड़े बिजली के खंभे में हाई वोल्टेज करंट उतरने से वह बुरी तरह झुलस गया था। मरणासन्न अवस्था मे पहुंच चुके 12 वर्षीय नीरज को बुद्धिजीवियों ने आर्थिक मदद कर वाराणसी भेजा और इलाज शुरू कराया। महीनों से चल रहे महंगे इलाज में क्षेत्र के तमाम लोगों ने आर्थिक मदद कर उसके इलाज का वीणा उठाया था। इसमें अध्यापकों की भी भूमिका सराहनीय रही।
लेकिन दुर्भाग्य रहा कि नीरज के इस बड़े दुर्घटना में विद्युत विभाग का तत्कालिक तौर पर कोई सहयोग नहीं मिला। प्रभात कुमार द्वारा किए जा रहे लगातार पत्राचार एवं समाचार पत्रों में उसके मदद को लेकर निकल रहे खबरों का असर रहा कि विद्युत विभाग की निद्रा टूटी। विभाग ने मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए नियमों के तहत झुलसे नीरज के पिता विजय के नाम पांच लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया। समाचार पत्रों में प्रकाशित खबर का असर रहा कि लगातार पत्राचार करने वाले पत्रकार प्रभात को सोमवार को ही विभागीय पत्र मिला। जिसमें नीरज को मुआवजा स्वरूप उनके पिता विजय के नाम 5 लाख रुपये का चेक प्रदान किया जाना बताया गया है। एक गरीब बालक के इलाज के लिए लड़ी गयी लम्बी लड़ाई का परिणाम सार्थक आने से लोगों को सुकून मिला। अब नीरज के इलाज में आड़े आ रही धन की कमी काफी हद तक दूर की जा सकेगी। लोगों ने उसके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।